सांसत में जनजीवन: सरहिंद फीडर में कटाव, बढ़ सकती है बंदी
बीकानेर, इंदिरा गांधी नहर परियोजना से जुड़े बीकानेर, श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिले के किसानों की सिंचाई पानी की समस्या खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। सिंचाई पानी के लिए एक के बाद एक समस्या आ रही है। गत सप्ताह पंजाब में राजस्थान फीडर में आए कटाव के चलते इस महीने के अंत तक नहरी पानी मिलने में मुश्किल आएगी।
सरहिंद फीडर व राजस्थान फीडर के कॉमन बैंक में बीते सप्ताह आए कटाव को पाटने में पंजाब की टीम लगी है। कटाव पाटने में अभी तक सफलता नहीं मिली है। यह कटाव कब तक बंद हो जाएगा, इसे लेकर भी स्थिति साफ नहीं हो रही। 20 मई को इंदिरा गांधी नहर में रीलाइनिंग कार्य पूर्ण होने पर बंदी खत्म हो रही है। इस नहर से प्रदेश के 10 जिलों को जलापूर्ति होती है। बंदी खत्म होने का इंतजार प्रदेश के लोग कर रहे हैं लेकिन इस कटाव ने राजस्थान की मुसीबत बढ़ा दी है। जल संसाधन उत्तर संभाग हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता अमरजीत मेहरड़ा ने बताया कि पंजाब की टीम कटाव को पाटने में लगी है, लेकिन इसमें कितना समय लगेगा, यह कहा नहीं जा सकता। सरहिंद फीडर आरडी 238 के कटाव स्थल पर कार्य की प्रगति धीमी होने से किसानों में रोष है। यहां आठ मई को आए कटाव ने राजस्थान के भाखड़ा और आइजीएनपी क्षेत्र में नरमा-कपास की बुवाई की आस लगाए बैठे किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। मंगलवार को भाखड़ा क्षेत्र के किसान प्रतिनिधिमंडल ने कटाव को बांधने के लिए चल रहे कार्य को देखा। किसानों का आरोप है कि नौ दिन से कटाव बांधने का कार्य कछुआ चाल से चल रहा है। दोनों नहरों के कॉमन बेड में कटाव के साथ ही सरहिन्द व राजस्थान फीडर के दूसरे किनारे के पटड़े में भी कटाव आ गया। इस बांधने के लिए ट्रैक्टर ट्रालियों से 15 किलोमीटर दूर से मिट्टी लाई जा रही है। प्रतिनिधि मंडल में ओम जांगू, जिला परिषद सदस्य मनीष मक्कासर, कुलविंद्र धोलीपाल, भोलासिंह नेहरा आदि शामिल थे।
मंत्री ने जांची गुणवत्ता
जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय हनुमानगढ़ दौरे के दृष्टिगत मंगलवार रात को यहां पहुंच गए। उन्होंने लखूवाली के पास इंदिरा गांधी नहर में चल रहे रीलाइनिंग कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान गुणवत्ता का ध्यान रखने का निर्देश दिया। मुख्य अभियंता अमरजीत मेहरड़ा, छतरगढ़ अधीक्षण अभियंता राम सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। मंत्री मालवीय ने अन्य जगह कार्य का निरीक्षण किया तथा जरूरी निर्देश दिए।
इस माह नहीं मिलेगा पानी
प्रतिनिधिमंडल में शामिल ओम जांगू ने बताया कि मौके पर जो स्थिति है। उसे देखते हुए इंदिरा गांधी नहर और भाखड़ा नहर के किसानों को इस माह पानी मिलने में संदेह है। सरहिंद फीडर की आरडी 238 पर जिस जगह कटाव आया है। वहां नहर का बेड 13 फीट गहराई तक धंस गया और इसकी मिट्टी बह कर इंदिरा गांधी नहर में चली गई। उसे हटाने की दिशा में अभी तक कोई प्रयास नहीं हुए। सरहिंद फीडर के धंसे बेड की जगह मिट्टी डाली गई है लेकिन उस जगह पर अभी भी पानी का रिसाव हो रहा है। संभागीय आयुक्त नीरज के पवन ने बताया कि सभी कर्मचारी अपने स्तर पर उपलब्ध जल संसाधनों के अनुरूप अधिकतम पेजयल आमजन को उपलब्ध कराने के लिए प्रयास करेंगे।
विकट हो जाएंगे हालात
इंदिरा गांधी नहर और भाखड़ा नहर को इस माह पानी नहीं मिला तो हालात विकट हो जाएंगे। जो बिजाई हुई है, उसके बर्बाद होने से किसान चिंतित हैं। इसके अलावा इंदिरा गांधी नहर से जुड़े जिलों में पेयजल का गंभीर संकट उत्पन्न हो जाएगा। बीकानेर शहर में पेयजल संकट खड़ा हो ही चुका है। हनुमानगढ़, जैसलमेर व जोधपुर में पानी का संकट खड़ा हो सकता है। संभावना है कि सप्लाई 25 से 27 मई के बीच ही शुरू हो सकती है।