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इंटरनेट कॉलिंग से तय होती थी तस्करों की राह

R. खबर ब्यूरो । इंटरनेट का सदुपयोग अगर करें तो यह बहुत लाभदायक साबित होती है। वही रोजमर्रा की जिंदगी में आजकल इंटरनेट अहम भूमिका निभा रही है। वही सोशल मीडिया प्लेटफार्म व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम व फेसबुक पर लोग पैसे कमाने के नए-नए तरीके ढूंढते हैं। तो वहीं दूसरी ओर समाज में बैठा एक अपराधिक प्रवृत्ति का वर्ग इसे अपने अपराधिक कार्यों के लिए बढ़-चढ़कर इस्तेमाल में ले रहा है। जो कि युवा वर्ग के लिए बहुत बड़ा घातक शाबित हो रहा है।

अपराधिक गतिविधियों व तस्करी में लिप्त बदमाशों ने इंटरनेट व्हाट्सएप कॉलिंग के बाद अब नया तरीका अपना लिया है। तस्कर अब इंस्टाग्राम कॉलिंग से एक-दूसरे से सम्पर्क कर रहे हैं। गत दिनों पाबुपूरा में 3 पिस्तौल व 4 जिंदा कारतूस के मामले में फरार प्रमुख सप्लायर भी इसी तकनीक का उपयोग करते पाए गए। यही वजह है कि हथियार खरीदने वाले दो युवक तो पकड़ में आ गए, लेकिन वह अभी तक पकड़ा नहीं जा सका है।

जोधपुर के एयरपोर्ट थाना पुलिस ने गत 10 जून को पाबुपूरा रोड पर दिनेश व पिंटू को गिरफ्तार किया था। इनसे तीन पिस्तौल व चार कारतूस जब्त किए गए। आरोपी ने यह हथियार राकेश बिश्नोई से बीस-बीस हजार रुपए में खरीदे थे। इन्हें दस-दस हजार रुपए के मुनाफे में बेचने की फिराक में घूम रहे थे। दोनों आरोपियों की मदद से पुलिस ने राकेश से सम्पर्क करने का प्रयास किया, लेकिन वो पकड़ में नहीं आ सका।

सूचना व तकनीक के युग में सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म पर वॉइस व वीडियो कॉलिंग की सुविधा है। वाट्सएप के साथ फेसबुक मैसेंजर पर कॉलिंग को तस्कर पहले से उपयोग में कर रहे थे, अब इंस्टाग्राम पर भी कॉलिंग की जा रही है।

एक्सपर्ट की ली मदद
इन दोनों आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि हथियार का प्रमुख सप्लायर राकेश को बात करनी होती है तो वह सिर्फ इंस्टाग्राम कॉलिंग करता है। उसी के मार्फत बात हो पाती है। पुलिस साइबर एक्सपर्ट की मदद से उस तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।