World Thrombosis Day 2025 : खून के थक्के के 7 गंभीर लक्षण जिन्हें नजरअंदज करना भारी पड़ सकता है

हर साल 13 अक्टूबर को विश्व थ्रोम्बोसिस दिवस मनाया जाता है ताकि लोगों में थ्रोम्बोसिस के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके। थ्रोम्बोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें नसों या धमनियों में रक्त के थक्के बन जाते हैं, जिससे दिल का दौरा, स्ट्रोक या फुफ्फुसीय जटिलताएं हो सकती हैं।

सीनियर फिजिशियन डॉ. टी पी शर्मा के अनुसार, रक्त के थक्कों को रोका और ठीक किया जा सकता है, लेकिन खतरे की पहचान जल्दी होना जीवन बचा सकती है।

थ्रोम्बोसिस क्या है?

थ्रोम्बोसिस तब होता है जब रक्त गाढ़ा होकर नसों या धमनियों में जम जाता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन अवरुद्ध हो जाता है। यह डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT) या धमनियों में हो सकता है। लंबे समय तक गतिहीन रहना, सर्जरी, धूम्रपान, मोटापा और अन्य स्वास्थ्य स्थितियां जोखिम बढ़ाती हैं।

ब्लड क्लॉट्स के 7 शुरुआती लक्षण:-

  1. टांगों या बाजुओं में सूजन – अचानक या लगातार सूजन, भारीपन या दर्द महसूस होना।
  2. दर्द या कोमलता – खासकर पिंडली या जांघ में ऐंठन जैसी तकलीफ।
  3. लाल या रंगहीन त्वचा – प्रभावित हिस्से में लाल, नीला या पीला रंग और गर्माहट।
  4. सांस लेने में तकलीफ – थक्का फेफड़ों में जाने पर, तेज धड़कन और सांस लेने में कठिनाई।
  5. सीने में दर्द या दबाव – हृदय की धमनियों में थक्का होने पर कंधे, बांह या जबड़े तक फैलने वाला दर्द।
  6. लगातार खांसी या खून खांसना – फेफड़ों में थक्का होने का संकेत।
  7. अस्पष्टीकृत थकान या चक्कर आना – बिना कारण थकान, चक्कर या कमजोरी महसूस होना।

डॉ. शर्मा ने बताया कि इन लक्षणों पर समय रहते ध्यान देना बहुत जरूरी है, ताकि गंभीर जटिलताओं से बचा जा सके।

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और यह किसी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी दवा या उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें।