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खाजूवाला, बीबीएमबी की वीसी के जरिए हुई बैठक के बाद इंदिरा गांधी नहर परियोजना में मई महीने के लिए 7000 क्यूसेक पानी देने पर खाजूवाला व पूगल क्षेत्र के किसानों के चहरो पर कही ना कही खुशी देखने को मिल रही है। किसानों का कहना है कि मई के अंतिम सप्ताह व जून महीने में काँटन बिजाई को लेकर उम्मीदें जगी है। 26 दिनों की पूर्ण नहरबंदी के बाद 21 मई को हरिके बैराज से पानी छोड़ा जाएगा। 25 मई के आसपास पहुंचने वाले पानी को अगर सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा रेगुलेशन बनाकर पानी दिया जाता है, तो मई के अंतिम सप्ताह या जून के प्रथम सप्ताह में नरमे की बिजाई की जा सकती है।

हालांकि पिछले कई सालों से अप्रैल मई महीने में ली जाने वाली नहरबंदी के चलते अनूपगढ़ शाखा, पूगल शाखा सहित अनेक क्षेत्र के किसानों को नरमे की बिजाई से वंचित रखा जाता है। व्यापारी मनीराम गोदारा व किसान नेता कुंदन सिंह ने सिंचाई विभाग के उच्च अधिकारियों को अवगत करवाते हुए कहा है कि हरिके बैराज से पानी छोड़े जाने से पूर्व जल परामर्श दात्री समिति की बैठक बुलाकर सिंचाई का रेगुलेशन तय किया जाए, साथ ही उन्होंने कहा है कि पेयजल के नाम पर दिए जाने वाले पानी को सिंचाई रेगुलेशन के तहत पानी दिया जाए। ताकि पेयजल के साथ-साथ सिंचाई हेतु मिलने वाले पानी से खरीफ फसल की बिजाई भी की जा सके। गौरतलब है कि अंतिम छोर की मंडी खाजूवाला, पूगल व दंतोर में पिछले कई सालों से नरमे की बिजाई नहीं हो पा रही है। हालांकि नरमे के भाव भी 12 हजार के करीब है। नरमे के भाव में तेजी को देखते हुए किसानों का रुझान भी नरमे की बिजाई की तरफ बढ़ा है। हालांकि कुछ जगहों पर नरमे की बिजाई क्षेत्र में शुरू भी कर दी गई है।