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खाजूवाला, सरकार बच्चों की शिक्षा के लिए लाखों करोड़ों रुपए का खर्चा करती है। जिसके चलते शिक्षा विभाग ने गाँव-गाँव में प्राथमिक विद्यालय तक खोले थे। लेकिन कुछ सरकारी आदेशों के बाद बहुत सी विद्यालयों को मर्ज कर दिया। जिसके बाद आज भी दर्जनों विद्यालय भवन सार सम्भाल नहीं होने के कारण जर-जर होते जा रहे है। इन भवनों का गाँव वाले लोग भरपूर उपयोग ले रहे है तो कहीं इन भवनों में गाँव के लोग सामान रखते है कहीं आंगनबाड़ी चलाते है। लेकिन एक ऐसा स्थान है जहां तो गाँव के कुछ लोगों द्वारा हद कर पार कर दी है। एक गाँव की बन्द पड़ी बिल्डिंग में तो गाँव के कुछ लोगों ने अपनी बकरियां ही बान्ध दी। जिस कक्षा में कभी बच्चे पढ़ा करते थे उसी कक्षा कक्षा को आज बकरियां बान्धने का अड्डा बना दिया है। यह अन्र्तराष्ट्रीय भारत-पाक सीमा पर बसे गाँव 2 केवाईएम का मामला है।
शिक्षा विभाग द्वारा 1996 में शिक्षाकर्मी विद्यालय खोले गए थे। जिसका मूल मक्सद गाँवों के ढ़ाणियों के बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान करना था। लेकिन जैसे जैसे जमाना आगे बढ़ता गया वैसे वैसे सरकारी स्कूलों प्राईवेट स्कूलों ने चेलेंज देना शुरू कर दिया। जिसके चलते बहुत से सरकारी विद्यालय बन्द हो कर मर्ज हो गए। अब इन मर्ज विद्यालयों के भवनों की सार सम्भाल कौन करे। इस बारे में अधिकारी जानकारी लेने पर मालूम हुआ कि इन मर्ज विद्यालयों की समस्त जिम्मेवारी सम्बन्धित पीईईओ विद्यालय के प्रधानाचार्य की होती है। जो कि इसके भवन की सार सम्भाल करते है। लेकिन धरातल पर कुछ और ही है। यहां तो बहुत से पीईईओ को यह तक मालूम नहीं होता है कि उनके क्षेत्र में आने वाले मर्ज विद्यालय आखिर कहां है। न तो उन्होंने कभी ऐसे विद्यालयों को जाकर सम्भाला और न कभी जिम्मेदारी को समझा होता है। खाजूवाला के सीमावृति गाँव 28 बीडी के नजदीक चक 2 केवाईएम में ही ऐसा ही एक जीता जागता उदाहरण देखने को सामने आया है। यहां तीन-चार वर्ष पूर्व शिक्षाकर्मी विद्यालय मर्ज हो गया था। जिसका भवन पिछले कुछ सालों से खाली पड़ा था। जिसपर गाँव के लोगों द्वारा कब्जा कर यहां अपना सामान रखा गया। तो एक गाँव को व्यक्ति ऐसा निकला जिसने अपनी बकरियां इस विद्यालय में बान्धनी शुरू कर दी। यह सिलसिला चलता रहा। लेकिन किसी भी सरकारी अधिकारी ने इस भवन की ओर ध्यान नहीं किया। यहां देखा गया कि एक कमरे में 12-15 बकरियां भरी हुई है। इसपर ग्रामीणों से पूछताछ की तो बकरियों के मालिक ने बकरियां तो भवन से निकाल ली। लेकिन यहां बकरियों द्वारा किया गया मल-मुत्र पड़ा रहा। इसकी सूचना कार्यावाहक मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी खाजूवाला को दी गई।

वर्जन
खाजूवाला ग्रामीण क्षेत्र में बन्द पड़े विद्यालय में बकरियां बाँधने की जानकारी मिली है। जिसपर सम्बन्धित पीईईओ को सूचना देकर भवन खाली करवाया जाएगा व एक-दो दिन में कब्जा खाली करवा लिया जाएगा।
रामप्रताप मीणा
कार्यवाहक मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, खाजूवाला