rkhabar
rkhabar
rkhabar

rkhabar
rkhabar
rkhabar
rkhabar
rkhabar
rkhabar
rkhabar
rkhabar

नई दिल्ली, International Women’s Day अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस पूरी दुनिया में हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है। हर साल इस मौके पर अलग-अलग थीम भी रखी जाती है। इसी थीम पर इसे मनाया जाता है।
इस साल महिला दिवस की थीम I am Generation Equality: Realizing Women’s Rights(मैं जनरेशन इक्वैलिटी: महिलाओं के अधिकारों को महसूस कर रही हूं) रखा गया है। इसी थीम पर दुनिया भर में इसका आयोजन किया जा रहा है।

theme 2020

जाने क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस :-

इस थीम का मतलब है महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और जेंडर इक्वेलिटी पर बात करना। महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए इंटरनेशनल वुमन्स डे महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उत्सव के तौर पर मनाया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हर वर्ष 8 मार्च को विश्वभर में मनाया जाता है। इस दिन सम्पूर्ण विश्व की महिलाएँ देश, जात-पात, भाषा, राजनीतिक, सांस्कृतिक भेदभाव से परे एकजुट होकर इस दिन को मनाती हैं।

संयुक्त राष्ट्र संघ ने महिलाओं के समानाधिकार को बढ़ावा और सुरक्षा देने के लिए विश्वभर में कुछ नीतियाँ, कार्यक्रम और मापदण्ड निर्धारित किए हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुसार किसी भी समाज में उपजी सामाजिक, आर्थिक व राजनैतिक समस्याओं का निराकरण महिलाओं की साझेदारी के बिना नहीं पाया जा सकता।

भारत में भी महिला दिवस व्यापक रूप से मनाया जाने लगा है। पूरे देश में इस दिन महिलाओं को समाज में उनके विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया जाता है और समारोह आयोजित किए जाते हैं। महिलाओं के लिए काम कर रहे कई संस्थानों द्वारा जैसे अवेक, सेवा, अस्मिता, स्त्रीजन्म जगह-जगह महिलाओं के लिए प्रशिक्षण शिविर लगाए जाते हैं, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। समाज, राजनीति, संगीत, फिल्म, साहित्य, शिक्षा क्षेत्रों में श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए महिलाओं को सम्मानित किया जाता है। कई संस्थाओं द्वारा गरीब महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।

कैसे हुई दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुरुआत :-

इतिहास के अनुसार समानाधिकार की यह लड़ाई आम महिलाओं द्वारा शुरू की गई थी। प्राचीन ग्रीस में लीसिसट्राटा नाम की एक महिला ने फ्रेंच क्रांति के दौरान युद्घ समाप्ति की माँग रखते हुए इस आन्दोलन की शुरूआत की, फारसी महिलाओं के एक समूह ने वरसेल्स में इस दिन एक मोर्चा निकाला, इस मोर्चे का उद्देश्य युद्घ की वजह से महिलाओं पर बढ़ते हुए अत्याचार को रोकना था।

सन 1909 में सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका द्वारा पहली बार पूरे अमेरिका में 28 फरवरी को महिला दिवस मनाया गया।

युनाइटेड नेशन्स ने 8 मार्च 1975 को महिला दिवस मनाने की शुरुआत की थी लेकिन उससे पहले 1909 में ही इसे मनाने की कवायद शुरू कर दी गई थी। दरअसल, 1909 में अमेरिका में पहली बार 28 फरवरी को महिला दिवस मनाया गया था। सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने न्यूयॉर्क में 1908 में गारमेंट वर्कर्स की हड़ताल को सम्मान देने के लिए इस दिन का चयन किया था। वहीं रूसी महिलाओं ने पहली बार 28 फरवरी को महिला दिवस मनाते हुए पहले विश्व युद्ध का विरोध दर्ज किया था। यूरोप में महिलाओं ने 8 मार्च को पीस ऐक्टिविस्ट्स को सपोर्ट करने के लिए रैलियां की थीं।

सन 1910 में सोशलिस्ट इंटरनेशनल द्वारा कोपनहेगन में महिला दिवस की स्थापना हुई। 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विटज़रलैंड में लाखों महिलाओं द्वारा रैली निकाली गई। मताधिकार, सरकारी कार्यकारिणी में जगह, नौकरी में भेदभाव को खत्म करने जैसी कई मुद्दों की माँग इस रैली में की गई। 1913-14 प्रथम विश्व युद्घ के दौरान, रूसी महिलाओं द्वारा पहली बार शांति की स्थापना के लिए फरवरी माह के अंतिम रविवार को महिला दिवस मनाया गया।

यूरोप भर में भी युद्घ के खिलाफ प्रदर्शन हुए। 1917 तक विश्व युद्घ में रूस के 2 लाख से ज्यादा सैनिक मारे गए, रूसी महिलाओं ने फिर रोटी और शांति के लिए इस दिन हड़ताल की। हालांकि राजनेता इसके खिलाफ थे, फिर भी महिलाओं ने एक नहीं सुनी और अपना आन्दोलन जारी रखा और फलतः रूस के जार को अपनी गद्दी छोड़नी पड़ी और सरकार को महिलाओं को वोट देने के अधिकार की घोषणा करनी पड़ी।

महिला दिवस अब लगभग सभी विकसित, विकासशील देशों में मनाया जाता है। यह दिन महिलाओं को उनकी क्षमता, सामाजिक, राजनैतिक व आर्थिक तरक्की दिलाने व उन महिलाओं को याद करने का दिन है जिन्होंने महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने के लिए अथक प्रयास किए।

दरअसल साल 1908 में एक महिला मजदूर आंदोलन की वजह से महिला दिवस मनाने की परंपरा की शुरूआत हुई। इस दिन 15 हज़ार महिलाओं ने नौकरी के घंटे कम करने, बेहतर वेतन और कुछ अन्य अधिकारों की मांग को लेकर न्यूयार्क शहर में प्रदर्शन किया। एक साल बाद सोशलिस्ट पार्टी ऑफ़ अमेरिका ने इस दिन को पहला राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित किया। 1910 में कोपेनहेगन में कामकाजी महिलाओं का एक अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन हुआ, जिसमें इस दिन को अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के तौर पर मनाने का सुझाव दिया गया और धीरे धीरे यह दिन दुनिया भर में अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में लोकप्रिय होने लगा। इस दिन को अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मान्यता 1975 में मिली, जब संयुक्त राष्ट्र ने इसे एक थीम के साथ मनाने की शुरूआत की।