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बीकानेर, देश की सरहदों की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने वाले अमर शहीदों की गाथा अब राजस्थान के छात्रों को स्कूली पाठ्यक्रम में पढ़ाई जाएगी। कक्षा नौवीं की राजस्थान की स्वतंत्रता आंदोलन एवं शौर्य परंपरा पुस्तक में साल 1948 से लेकर साल 2019 तक शहीद हुए वीरों की गाथा को शामिल किया गया है, जिसमें पुलवामा हमले के शहीद भी शामिल हैं।

पाठ्यक्रम समीक्षा समिति का दावा है कि संभवतः राजस्थान पहला राज्य है, जिसने प्रदेश के अमर शहीदों को पाठ्य पुस्तक में शामिल किया है. सूबे के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि राज्य की पाठ्य पुस्तकों की सबसे बड़ी कमी थी कि देश की सरहद की रक्षा करने वाले शहीदों के बारे में एक भी चैप्टर नहीं पढ़ाया नहीं जा रहा था। पहली बार किताबों में प्रदेश के 24 से अधिक शहीदों के पाठ शामिल किए गए हैं, जिसमें पुलवामा के शहीदों की शौर्य गाथा भी है और उसी के साथ कवि प्रदीप की कविता भी शामिल की गई है।