











नई दिल्ली, कोरोना संकट की वजह से देश में स्कूल-कॉलेज खुलने की कोई स्थिति नहीं बन रही है। केंद्र सरकार वास्तव में देश के करोड़ों छात्रों तक शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करना चाहती है। इसमें खास तौर पर वे छात्र शामिल हैं, जिनके पास कंप्यूटर या इंटरनेट की सुविधा नहीं है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस हफ्ते राज्यों से इसके आंकड़े मांगे हैं।
राज्यों को केंद्र सरकार को यह बताना है कि कितने स्कूली छात्र ऐसे हैं जिनके पास कंप्यूटर या इस तरह के अन्य डिवाइस की पहुंच नहीं है।
इस मामले से जुड़े अधिकारियों ने ईटी को यह जानकारी दी है। समझा जाता है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय को पीएमओ की तरफ से इस तरह के संकेत मिले हैं। यूनिसेफ की एक रिपोर्ट में हाल में ही दावा किया गया था कि देश के करीब 27 करोड़ छात्र कोरोनावायरस की वजह से पढ़ाई लिखाई से दूर हैं। इसके साथ ही इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि भारत के सिर्फ 24 फीसदी घरों में ही इंटरनेट की सुविधा है। दिलचस्प तथ्य यह है कि इस मामले में सरकार के पास कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने पहली बार इस बात को जानने की कोशिश शुरू की है।

 
 