











नई दिल्ली, कोरोना संकट के बीच जून में देश की खुदरा महंगाई की दर 6.09 फीसदी दर्ज की गई है। महंगाई की यह दर भारतीय रिजर्व बैंक के रेंज से अधिक है। महंगाई दर में इस वृद्धि से आरबीआई दोहरे संकट में फंस गया है। आरबीआई की दुविधा यह है कि वह ब्याज दर बढ़ाकर महंगाई रोकने की कोशिश करे या इसे घटाकर आर्थिक विकास तेज करने के प्रयास करे।
सोमवार को सांख्यिकी मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक जून 2020 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा महंगाई दर 6.09 फीसदी रही। इस दौरान खुदरा खाद्य महंगाई दर 7.87 फीसदी रही।
सरकार ने अप्रैल-मई में खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी नहीं किए, लेकिन अप्रैल में मार्च की महंगाई दर के आंकड़े रिवाइज किए गए थे। मार्च में खुदरा महंगाई दर 5.91 फीसदी बताई गई थी, जिसे अप्रैल में रिवाइज करके 5.84 फीसदी कर दिया गया था।
खुदरा खाद्य महंगाई दर में मई के मुकाबले जून में गिरावट दर्ज की गई है। मई में खुदरा खाद्य महंगाई दर 9.20 फीसदी थी, यह जून में घटकर 7.87 फीसदी पर आ गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक का 39.06 फीसदी योगदान होता है।

 
 