











नई दिल्ली, कोरोना वायरस के चलते देश के कुछ लोग अलग अलग जगहों पर फास गये थे. जो अंतररास्ट्रीय स्तर पर चल रहे कोरोना वारयस के अभियान की वजह से अपने देश वापस नही आ सके। इसी के सरकार ने फैसले कर अंतररास्ट्रीय मार्ग भी बंद कर दिए। जिसके बाद 15 मार्च रविवार को 236 लोगों को ईरान से लाया गया था। इनमें 131 छात्र और 103 तीर्थयात्री शामिल हैं। इससे पहले 58 भारतीय तीर्थयात्रियों का पहला जत्था मंगलवार को ईरान से वापस लाया गया। शुक्रवार को ईरान से 44 भारतीय तीर्थयात्रियों का दूसरा जत्था पहुंचा था। ईरान में अभी भी कई भारतीय फंसे है जिन्हें निकालने की प्रक्रिया शुरू है। ईरान से 53 भारतीयों का जत्था राजस्थान के जैसलमेर में पहुंच गया है। सभी लोगों को 14 दिन तक आइसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा। इससे पहले 236 लोगों को लाया गया था। जिसमें ईरान से भारतीयों का नया जत्था आ गया है। सोमवार सुबह 53 लोगों को ईरान से जैसलमेर लाया गया। सभी लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है। इससे पहले (कोविड-19) को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने महामारी घोषित किया गया है, और इटली, ईरान जैसे कोरोनो वायरस प्रभावित देशों में बड़ी संख्या में फंसे भारतीयों को निकाला जा रहा है। भारतीय सेना ने कहा कि जैसलमेर में वेलनेस सेंटर कोविड-19 के खिलाफ लड़ने के लिए एक भारतीय सेना की फैसिलिटी है और कुशल चिकित्सा अधिकारियों की देखरेख में लोगों को रखा जाएगा।

 
 