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बीकानेर, जिला कलक्टर नमित मेहता की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति अनुसूचित-जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत लंबित प्रकरणों की समीक्षा की गई।  
कलेक्ट्रेट सभागार में मंगलवार को आयोजित बैठक के दौरान जिला कलक्टर ने कहा कि अनुसूचित जाति व अनुसूचचित जाति के लोगों पर हुए अपराध नियंत्रण में पुलिस विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि एससी-एसटी अत्याचार के दर्ज अपराध के अनुसंधान कार्य तेजी से हो और उसकी मॉनिटरिंग की जाए। अनुसंधान समय पर होने पर वातावरण सकारात्मक बनता है और पीड़ित पक्ष को समय पर राहत मिलती है। उन्होंने निर्देश दिए कि पुलिस थाना स्तर पर दर्ज प्रकरणों को अविलम्ब सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को भेजे जाए ताकि पीड़ित को राहत राशि समय पर मिल सके।
बैठक में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक एल.डी.पंवार ने बताया कि कुल 49 प्रकरणों का अनुसंधान होना शेष है। इसमें दो वर्ष से अधिक के 7 मामले और दो माह से अधिक के 17 मामले पेण्डिग है। उन्होंने बताया कि उक्त मामलों का अनुसंधान होने पर सक्षम न्यायालय में पेश किया जाना है।
पंवार ने बताया कि इसके अलावा नये मामलों में पुलिस थाना स्तर पर 9 प्रकरण लम्बित है। जिसमें से पुलिस थाना नोखा के 03, पुलिस थाना सदर व महाजन के दो-दो तथा लूणकरनसर व दंतौर थाना के एक-एक प्रकरण लम्बित है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा अनुसूचित जाति के 80 लोगों को 61.25 लाख और अनुसूचित जन जाति के 7 लोगों को 4.25 लाख रूपये की सहायता दी गई है।  
बैठक में कार्यवाहक जिला पुलिस अधीक्षक शैलेन्द्र सिंह इंदौलिया,सीओ एस.सी.एस.टी सेल ओम प्रकाश चैधरी, विशिष्ठ लोक अभियोजक कुन्दन व्यास, अभियोजन से एडीपी गेजेन्द्र सिंह उपस्थित थे।