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नई दिल्ली, देश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के साथ ही दुकानदारो ने कोरोना वायरस से सुरक्षा देने वाले उत्पादों की कालाबाजारी शुरू कर दी है। जिस वजह से जनता द्वारा अनियमित मूल्य चूका कर सामग्री को ख़रीदा जा रहा है। इस कारण लोगो को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इन सब समस्याओ को मध्य नजर रखते हुए दिल्ली सरकार ने कालाबाजारी रोकने के लिए बड़ा कदम उठाया है। जिसके तहत खाद्य मंत्री ने बताया कि अगर कोई दुकानदार इन चीजों को एमआरपी से ज्यादा कीमत पर बेचता है, तो उसके खिलाफ लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट, पैकेज्ड कमोडिटी रूल्स और दूसरे कानूनों के तहत केस दर्ज करने और दंडात्मक कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं। अधिकारियों के मुताबिक, एमआरपी से अधिक मूल्य वसूलने पर लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट 2009 और पैकेज्ड कमोडिटीज रूल्स 2011 के तहत भारी जुर्माना से लेकर 3 से 7 साल की जेल हो सकती है।
फेस मास्क, सर्जिकल मास्क, हैंड सैनेटाइजर जैसे कोरोना वायरस से सुरक्षा देने वाले वाले उत्पादों की सरकार ने इन उत्पादों को अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से ज्यादा कीमत पर बेचने पर दुकानदार के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया है।
दिल्ली के खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के मंत्री इमरान हुसैन ने सोमवार को मेट्रोलॉजी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कोरोना वायरस की रोकथाम से जुड़े उत्पादों की सप्लाई और ज्यादा कीमत वसूले जाने की शिकायतों पर बैठक की गयी। सरकार पहले ही इन्हें आवश्यक वस्तुओं की सूची में डाल चुकी है। इस बैठक में जांच और निगरानी टीमें बनाने और दुकानों का औचक निरीक्षण करने का फैसला किया गया है।

ऐसे उत्पाद जिन पर एमआरीप प्रिंट नहीं होगा उन्हें उपर्युक्त कानूनों के तहत अवैध माना जाएगा। इसके लिए मैन्यूफैक्चरर से लेकर वितरक और डीलर्स के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। पैकेज्ड कमोडिटी रूल्स के तहत उत्पाद पर निर्माता, आयातक का नाम औ पता, मात्रा, पैकिंग की तारीख और कुल टैक्स सहित एमआरपी लिखना जरूरी है। इसके अलावा उस पर फर्म का नाम, पता और टेलीफोन नंबर भी होना चाहिए।