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R.खबर ब्यूरो। बीकानेर इंजिनियरिंग कॉलेज से बड़ी खबर सामने आई है, जंहा राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र में गधों और घोड़ों की घटती संख्या और उपयोगिता के लिए वैज्ञानिक रिसर्च कार्य कर रहे हैं। अब इंजीनियरिंग के विद्यार्थी भी तकनीक की मदद से घोड़ों और गधों को हष्ट-पुष्ट रखने और प्रजनन क्षमता बढ़ाने पर रिसर्च करेंगे। वे ऐसी एआई डिवाइस भी तैयार करेंगे, जो इनके स्वास्थ्य पर नजर रखेगी।

देश में पहली बार हो रहे ऐसे कार्य के लिए बीकानेर इंजीनियरिंग कॉलेज और अश्व अनुसंधान केन्द्र के बीच एमओयू किया गया है। इस प्रोजेक्ट में विद्यार्थी पशुओं की डाइट को नियंत्रित करने वाली डिवाइस बनाने पर काम करेंगे। छात्र इलेक्ट्रॉनिक, एंबेडेड और आईओटी सिस्टम डेवलपमेंट स्किल्स का इस्तेमाल देशी तथा बाहरी अश्वों की नस्ल को बेहतर बनाने, कार्यक्षमता एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए करेंगे।

लर्निंग प्रोग्राम के लिए एमओयू:-

बीकानेर इंजीनियरिंग कॉलेज प्राचार्य ओपी जाखड़ ने बताया कि कॉलेज और अश्व अनुसंधान संस्थान ने साझा रिसर्च और लर्निंग प्रोग्राम के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं। अश्व अनुसंधान में इलेक्ट्रोनिक्स आधारित इंस्ट्रूमेंटेशन, ऑटोमेशन और आईटी सिस्टम का समावेश करना है। एमओयू से दोनों संस्थानों के बीच सहयोग और ज्ञान साझा करने, नवाचार और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने पर काम होगा।

एआई आधारित नियंत्रण एवं निगरानी:-

इलेक्ट्रॉनिक एवं कंट्रोल इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष पूजा भारद्वाज तथा अश्व अनुसंधान के वैज्ञानिक डॉ. मोहम्मद कुट्टी के निर्देशन में छात्र पहले अश्वों तथा गधों के खानपान एवं दिनचर्या का निगरानी तंत्र विकसित करेंगे। विभाग के अरविंद, जितेंद्र एवं हरजीत सिंह के साथ चयनित छात्र दुष्यंत शर्मा, कुशाग्र, दिनेश, प्रशांत कुमार तथा विक्रम सिंह अश्व अनुसंधान केंद्र पशुशाला में प्राजेक्ट पर काम करेंगे। एआई बेस्ड नियंत्रण एवं निगरानी प्रणाली के विभिन्न फीचर तय करेंगे। इसके बाद सेंसर सिस्टम तैयार किया जाएगा।

चार हिस्सों में होगा कार्य:-

इनोवेशन सेल के अध्यक्ष राहुल राज चौधरी ने बताया कि एआई आधारित ऑटोमेटेड कंट्रोल सिस्टम के चार प्रमुख भाग होंगे। पहला भाग में सेंसिंग सिस्टम, दूसरे में माइक्रो कंट्रोलर, तीसरे भाग में आउटपुट यूनिट पर काम होगा। चौथे भाग में डाटा को संवर्धित कर निर्णय लेने के साथ आधुनिक प्रणाली विकासित होगी।