आसमान में रहस्यमय रोशनी दिखने के बाद बीएसएफ आइजी पहुंचे बॉर्डर

हेलीकॉप्टर से भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा का दौरा, सांचू पोस्ट का निरीक्षण

बीकानेर, सीमावर्ती 100 किलोमीटर क्षेत्र में बुधवार रात आसमान में दिखी चमकीली रोशनी की गुरुवार को बीएसएफ ने पड़ताल शुरू कर दी है। बीएसएफ राजस्थान के आइजी डेविड लालरिनसांगा और डीआइजी ऑपरेशन अर्जुन सिंह राठौर हेलीकॉप्टर से भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पहुंचे। उन्होंने हवाई सीमा का हेलीकॉप्टर से निरीक्षण करने के बाद सीमा चौकी सांचू में बीएसएफ के स्थानीय अधिकारियों और जवानों से घटना की जानकारी ली।

आइजी डेविड ने सीमा चौकी सांचू में बीकोनर सेक्टर के डीआइजी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ से मुलाकात की। कमांडेंट 124 वाहिनी सत्येंद्र सिंह सुदन भी मौजूद रहे। आइजी ने सीमा चौकी पर तैनात अधिकारियों व जवानों से बातचीत में उनकी समस्याओं को भी सुना। जवानों ने आसमान में चमकती रोशनी और चमकीली वस्तु के पूर्व से पश्चिम की तरफ जाते देखे जाने की जानकारी आइजी को दी। प्रारंभिक तौर पर बीएसएफ ने उल्का पिंड के लगभग 40 हजार मीटर की ऊंचाई से धरती की तरफ आने और घर्षण से चमकीली रोशनी दिखना माना है।

सूत्रों के मुताबिक सीमावर्ती क्षेत्र में हवाई सीमा की निगरानी रडार से की जाती है। यह रडार ऊंचाई पर फाइटर प्लेन उड़ने की अधिकतम सीमा तक किसी भी तरह की हलचल का पता लगा सकते हैं। बुधवार की रात को दिखी रोशनी बीकानेर के दंतौर से लेकर श्रीगंगानगर जिले के अनूपगढ़ क्षेत्र तक सौ किलोमीटर क्षेत्र में जमीन से नजर आई थी। अंधेरा होने के चलते इस घटना के दौरान जमीन पर उजाला हो गया था। इतने बड़े क्षेत्र में नजर आने के आधार पर अनुमान लगाया गया है कि जो भी उल्का पिंड या अन्य कोई वस्तु में घर्षण से यह रोशनी की लकीर आगे बढ़ती नजर आई, वह कम से कम चालीस हजार से पचास हजार मीटर (40-50 किमी) के बीच रहा होगा।

सीमा का हवाई सर्वेक्षण:-
आइजी डेविड ने डीआइजी राठौड़ के साथ भारत-पाक सीमा का हवाई सर्वेक्षण भी किया। सूत्रों के मुताबिक हेलीकॉप्टर उड़ने की ऊंचाई तक वायुमंडल में किसी तरह के राख आदि के कण दिखाई नहीं पड़े हैं। आइजी ने बीएसएफ अधिकारियों के साथ अन्तरराष्ट्रीय सीमा के वर्तमान हालात की भी जानकारी ली।

विषम परिस्थिति में डटे रहना आसान नहीं:-
आइजी डेविड ने जवानों को सम्बोधित करते हुए कहा की सीमा पर तमाम विषम और कठोर परिस्थितियों में डटे रहकर अपने कर्तव्य का पालन करना आसान नहीं है। सीमा सुरक्षा बल देश की प्रथम रक्षा पंक्ति है। बाहर से आने वाले हर खतरे का सर्वप्रथम सामना करता है।

साभार-पत्रिका