











जयपुर, मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों का संचालन आवश्यक है, लेकिन वहां हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने कहा कि कार्य स्थलों एवं कार्यालयों का नियमित निरीक्षण करवाया जाए। साथ ही यह भी ध्यान रखा जाए कि किसी भी स्थान पर भीड़भाड़ नहीं हो। लोग बेवजह घरों से नहीं निकलें। उन्होंने कहा कि होम क्वारेंटीन में रह रहा कोई व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करे तो उसे संस्थागत क्वारेंटीन में भेजा जाए।
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि जिन जिलों में कोरोना के पॉजिटिव केस बढ़ रहे हैं, वहां जिला कलेक्टर आवश्यकता अनुसार सीमित क्षेत्र में लॉकडाउन, रात्रि कफ्र्यू, कन्टेनमेंट सहित अन्य पाबंदियां लगा सकते हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन खुलने के बाद लोगों में कोरोना के प्रति सतर्कता में कमी आई है। साथ ही आर्थिक एवं सामाजिक गतिविधियों, परिवहन एवं अन्य आवागमन के दौरान लापरवाही के कारण तेजी से मामले बढ़े हैं। ऎसे में कोरोना संबंधी प्रोटोकॉल की सख्ती से पालना ज़रूरी है।
गहलोत सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होने कहा कि लोग हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरते। लॉकडाउन की तरह ही पूरी गम्भीरता के साथ मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग, सार्वजनिक स्थानों पर नहीं थूंकने सहित अन्य सावधानियों का पालन करें, क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं विशेषज्ञों के अनुमान के अनुसार आने वाले समय में कोरोना की स्थिति और विकट हो सकती है।
चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया ने बताया कि प्रदेश में अब तक 115 रोगियों को प्लाज्मा थैरेपी दी जा चुकी है। साथ ही मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध सभी अस्पतालों में रेमेडिसिविर एवं टोसिलीजूमेब इंजेक्शन उपलब्ध करवा दिए गए हैं।

 
 