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जयपुर, ऊंट को राजस्थान का जहाज और जन्मस्थली माना जाता है। लेकिन अब ऊंट अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है। पिछले पांच साल में 35 प्रतिशत ऊंट कम हो गए हैं। देश में जितने ऊंट है उनमें से 80 फीसदी ऊंट राजस्थान में ही है। साल, 2014 में ऊंट को राज्य पशु घोषित किया था, लेकिन संरक्षण के अभाव में पशुपालक मुंह मोड़ रहे हैं।

ऊंटनी के दूध को सऊदी अरब, यूएई,ऑस्ट्रेलिया सहित दर्जन भर देशों में दवाइयों सहित, मिल्क शेक के रूप में काम में ले रहे हैं। इसमें विभिन्न प्रकार के खनिज तत्व, विटामिन्स होते हैं। मंदबुद्धि बच्चों के दिमागी विकास, मधुमेह, कैंसर, विभिन्न संक्रमण, भारी धातु विषाक्तता, कोलाइटिस और शराब से प्रेरित विषाक्तता के रोगों में दवा के रूप में काम ले रहे हैं। गुजरात के कच्छ में पाया जाना वाला खाराई ऊंट समुद्री पानी में भी 5-7 किलोमीटर बिना किसी सहारे के चल सकता है।