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खाजूवाला, हिन्दी में एक कहावत है अंधेर नगरी चोपट राजा, जिसका जीता जागता उदाहरण सीमावर्ती क्षेत्र खाजूवाला में देखा जा सकता है। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण खाजूवाला क्षेत्र में जहां सरकारी गाईडलाईन के अनुसार बाहरी लोगों का प्रवेश निषेध है, वहीं वास्तविकता इससे कौसो दूर है। क्षेत्र में अगर नजर डाले तो यहां सैकड़ों की तादाद में लोग काम करने के लिए हर साल आते है। जिनका रिकॉर्ड न तो पुलिस के पास और न ही प्रशासन के पास है। ये लोग हर साल धड्डल्ले से नियमों को ताक में रखकर सीमावर्ती क्षेत्र में आते है यहां काम करते है और फिर चले जाते है। जिनका कोई रिकॉर्ड नहीं होता है और प्रशासन को जानकारी होने के बावजूद भी आँखे मूंदे बैठे है।

सीमावर्ती क्षेत्र है प्रवेश निषेध
सीमावर्ती क्षेत्र में बाहरी राज्यों के लोगों के लिए प्रवेश निषेध है। अगर यहां किसी बाहरी व्यक्ति को आना होता है तो वह उपखण्ड कार्यालय से अनुमति लेता है। उपखण्ड अधिकारी सम्बन्धित व्यक्ति के जिला मुख्यालय पर एस.पी. पुलिस से उस व्यक्ति की सूचना मांगते है। जिसके बाद वह सूचना पुलिस थाने आती है। अगर किसी प्रकार का अपराधिक मामला नहीं होता है तो उसे प्रवेश के लिए अनुमति मिलती है। लेकिन ये बाहरी लोग न तो उपखण्ड कार्यालय से अनुमति लेते है और न ही पुलिस से अनुमति लेते है।

सीमावर्ती क्षेत्र में सैकड़ों फैक्ट्रियां व ईंट भट्टे
सीमावर्ती क्षेत्र खाजूवाला में लगभग 80 से ज्यादा ईंट भट्टे व खाजूवाला-दंतौर क्षेत्र में लगभग 200 से ज्यादा जिप्सम फैक्ट्रियां है। यहां सारी लेबर उतरप्रदेश, बिहार आदि राज्यों की है। जो यहां कई वर्षों से कार्य कर रहे है तथा ईंट भट्टों पर हर वर्ष लेबर आती है और कार्य होने पर चली जाती है। लेकिन उनकी अनुमति भट्टा मालिक या फैक्ट्री मालिक नहीं लेते है।

पूर्व में हो चुकी है चोट
लगभग एक वर्ष पूर्व खाजूवाला के सीमावर्ती क्षेत्र में भारत-पाकिस्तान अन्र्तराष्ट्रीय बॉर्डर से तस्करी की वारदात हो चुकी है। जिसका आरोपी सुरेन्द्र भी खेतों में लेबर बनकर आया था और पूरे क्षेत्र की रैकी कर गया। जिसके बाद उसने तस्करी की घटना को अंजाम दिया। लेकिन बीएसएफ की सजगता के चलते करोड़ों रुपए की हेरोईन पकड़ी गई। फिर बाद में आरोपी भी पकड़ा गया। आरोपी के पकड़े जाने के बाद सारी वारदात सामने आई।

क्षेत्र में 7-8 हजार से ज्यादा बाहरी लेबर
सीमावर्ती क्षेत्र खाजूवाला, दंतौर में लगभग 7 से 8 हजार से ज्यादा बाहरी लेबर काम कर रही है। जिनका ना तो पुलिस वेरिफिकेशन होता है और न ही इस क्षेत्र में काम करने की अनमुति ली जाती है।

केन्द्र ने बढ़ाया बीएसएफ का दायरा
खाजूवाला सीमावर्ती क्षेत्र है। इसके साथ ही केन्द्र सरकार ने बीएसएफ का दायरा बढ़ाकर 50 किलोमीटर किया है। जो कि पूरे देश में एक समान किया है। जिसमें बीएसएफ भी अवांच्छिनीय गतिविधियां रोकने के लिए कार्यवाही कर सकती है।

इस सम्बन्ध जब जानकारी के लिए फोन किया गया तो खाजूवाला के आला अफसरों ने फोन ही उठाना उचित नही समझा। इस सम्बंध में कार्यवाहक उपखण्ड अधिकारी गिरधारी सिंह को दो बार फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। खाजूवाला वृताधिकारी अंजूम कायल को भी दो बार फोन किया गया, लेकिन उन्होंने भी फोन नहीं उठाया। थानाधिकारी अरविन्द सिंह शेखावत से बात करनी चाही तो उन्होंने भी फोन नहीं उठाया।

इनका कहना है

जिले में बाहर से आकर रहने वालों का बीट कांस्टेबल से सर्वे करवाया जाता है। पिछले दिनों एक सर्वे भी हुआ था। यदि कोई फैक्ट्री मालिक वेरीफेकशन के लिए सूचित करता है तो उसकी जांच की जाती है। सभी को वेरीफिकेशन करवाना अनिवार्य है। इसको लेकर थानाधिकारियों को निर्देश दिए हैं।

योगेश यादव, पुलिस अधीक्षक, बीकानेर

इनका कहना है-
सीमावर्ती क्षेत्र में बाहरी लोगों का प्रवेश निषेध है। बावजूद इसके हजारों लोग इस क्षेत्र में कार्य कर रहे है। यह आन्तरिक सुरक्षा का मामला है। सीमावृती क्षेत्र में बाहरी लोगों के आने पर उनकी जाँच या वेरिफकेशन होनी चाहिए। इस सम्बन्ध में प्रशासन से बार-बार मांग की जा चुकी है। वहीं भट्टा मालिक या फैक्ट्री मालिकों को भी इसे गम्भीरता से लेना चाहिए।

पुरूषोतम सारस्वत,
सम्पर्क प्रमुख, सीमाजन कल्याण समिति, खाजूवाला।