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R.खबर ब्यूरो। म्यांमार में शुक्रवार को आया भूकंप देश में आया अब तक का सबसे बड़ा और विनाशकारी भूकंप रहा। जानकारी के अनुसार इस भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 7.7 रही और गहराई 10 किलोमीटर। यह भूकंप भारतीय समयानुसार सुबह 11 बजकर 50 मिनट (लोकल समयानुसार 12 बजकर 50 मिनट) पर आया जिसके बाद भूकंप के केंद्र वाले क्षेत्र के साथ ही आसपास के कई इलाकों में हाहाकार मच गया। इस भूकंप के बाद म्यांमार में कई आफ्टरशॉक्स भी आए और भूकंप का असर थाईलैंड (Thailand), नेपाल (Nepal), भारत (India), चीन (China) और वियतनाम (Vietnam) में भी महसूस किया गया। बताया जा रहा है कि भूकंप की वजह से म्यांमार में कई इमारतें ध्वस्त हो गई, सड़कों में गड्ढे हो गए, कई व्हीकल्स सड़कों में दब गए। इमारतों के ध्वस्त होने की वजह से कई लोग उनके नीचे दब गए। इस भूकंप से थाईलैंड में भी काफी नुकसान हुआ। भूकंप के बाद म्यांमार की सेना (जुंटा) ने 6 बड़े शहरों में आपातकाल की घोषणा कर दी।

अब तक करीब 700 लोगों की मौत:-

मिली जानकारी के अनुसार म्यांमार में आए भूकंप की वजह से अब तक करीब 700 लोगों की मौत हो गई है। देश की सेना ने जानकारी देते हुए बताया कि मरने वालों का आंकड़ा 694 पहुंच गया है और इसके बढ़ने की आशंका बनी हुई है। थाईलैंड में भी भूकंप की वजह से लोगों की मौत हुई है। म्यांमार और थाईलैंड दोनों में मरने वालों का आंकड़ा 700 पार हो गया है

1700 से ज़्यादा लोग घायल:- 

म्यांमार में आए भूकंप की वजह से 1700 से ज़्यादा लोग घायल हो गए हैं। थाईलैंड में भी कई लोग भूकंप की वजह से घायल हुए हैं। घायलों को नज़दीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहाँ उनका इलाज चल रहा है। कई घायलों की स्थिति गंभीर बताई जा रही है।

भारत ने भेजी मदद:-

म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप की वजह से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। ऐसे में देश की जुंटा ने इंटरनेशनल हेल्प की गुहार लगाई है। भूकंप के बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया और म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के बाद सभी की सुरक्षा की प्रार्थना की। पीएम मोदी ने यह भी साफ कर दिया कि भारत इन दोनों देशों की हर तरह से मदद के लिए तैयार है और इसके लिए उन्होंने विदेश मंत्रालय को दोनों देशों की सरकारों के लगातार संपर्क में बने रहने का निर्देश भी दिया। साथ ही भारत ने पिछली रात भूकंप प्रभावित दोनों देशों में राहत सामग्री भी भेजी।