इस नगरपालिका के एफएसएल जाँच में हुआ फर्जी पट्टा प्रकरण का खुलासा


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सिरोही (बरलूट) पुलिस ने नगर पालिका जावाल में फर्जी पट्टा प्रकरण मामले में एक आरोपी को किया गिरफ्तार। इस मामले की जाँच करके जानकारियं जुटाई जा रही हैं। सोचने वाली बात यह है कि तत्कालीन ईओ ने मई में इस संबंध में मामला दर्ज कराया था।

पुलिस व जिला पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार के निर्देशानुसार वांछित अपराधियों को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया गया जिसके दौरान यह गिरफ्तारी हुई। मामले में दिनेश कुमार राठौड़ को गिरफ्तार किया गया है।  इससे पहले जांच के दौरान गवाहों से पूछताछ कर रिकॉर्ड प्राप्त किया गया तथा जारी फर्जी पट्टों के संबंध में एफएसएल जांच करवाई, जिसमें उक्त पट्टे फर्जी पाए गए।

तत्कालीन नगरपालिका ईओ शिवगंज ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज करवाई:

पुलिस के अनुसार इस मामले में नगर पालिका शिवगंज, जिला सिरोही के तत्कालीन ईओ महेन्द्र कुमार राजपुरोहित ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। वे उस समय अधिशासी अधिकारी नगर पालिका जावाल के पद पर कार्यरत थे। इस समय में उसके द्वारा अन्य कार्यों के साथ-साथ अलग-अलग कानूनों में पट्टे भी जारी किए थे, उनके द्वारा अंतिम पट्टा स्टेट ग्रांट एक्ट के तहत किया था। उसके बाद राजस्थान विधानसभा चुनाव में आचार संहिता लगने से कोई भी पट्टा जारी नहीं किया था। इसके बाद उनका स्थानांतरण नगर पालिका शिवगंज में हो गया। 

अधिशासी अधिकारी नगरपालिका जावाल के एक पत्र के माध्यम से पता चला कि मोहनलाल माली निवासी जावाल को जारी पट्टों पर अध्यक्ष एवं महेंद्र राजपुरोहित के हस्ताक्षर झूठे किए गए थे। इस पर उन्होंने नगर पालिका कार्यालय जावाल जाकर रिकॉर्ड का जांचा तो पता चला कि अधिकतम पट्टे की पत्रावली व अन्य दस्तावेज नगर पालिका जावाल में दर्ज नहीं हैं एवं पट्टे पर उसके हस्ताक्षर फर्जी किए हुए हैं। 


इसके अलावा उन्होंने  न तो यह पट्टे जारी किये है न ही उन्होंने कभी हस्ताक्षर किए हैं। उसके कार्यकाल में स्टेट ग्रांट एक्ट में प्रस्तुत आवेदन पत्रावलियों का तथा इस एक्ट में जारी पट्टों का इन्द्राज नगर पालिका जावाल के संधारित रजिस्टरों में किया हुआ है। उसके बावजूद इस व्यक्ति एवं अन्य व्यक्तियों द्वारा उसकी जानकारी व सहमति के बिना फर्जी तरीके से हस्ताक्षर कर पट्टे प्राप्त किए गए हैं। इस पर विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर वृत्ताधिकारी मुकेश चौधरी द्वारा जांच की गई थी।