











खाजूवाला क्षेत्र में अवैध जिप्सम निकालने का काम जोरों पर, करोड़ों के माल की चोरी होने के बावजूद भी सभी विभाग मौन, विभाग एक-दूसरे पर डाल रहे कार्यवाही का जिम्मा
खाजूवाला, खाजूवाला क्षेत्र के माधोडिग्गी की पीकेडी क्षेत्र में वन-विभाग की जमीनों में जिप्सम का अथार भण्डारण है। जिसपर पिछले कई महीनों से जिप्सम माफियाओं की नजरें है तथा यहां से करोड़ों रुपए का जिप्सम निकाला जा चुका है। वन-विभाग की जगह पर अगर कोई किसान खेती कर लेता है तो वह अवैध कास्त के नाम पर किसानों के साथ हाथपाई करने पर उतारू हो जाते है वहीं इन दिनों यहां वन-विभाग की जमीनों पर राजनीतिक सह के चलते जिप्सम माफिया अवैध रूप से जिप्सम निकाल रहे है। इस सम्बन्ध में दो दिन पूर्व जिला कलेक्टर नमित मेहता के खाजूवाला दौरे के दौरान शिकायत की गई तो उन्होंने उपखण्ड अधिकारी को आदेश दिया कि जल्द से जल्द इन अवैध जिप्सम माफियाओं कार्यवाही की जाए। शिकायतें तो पिछले पाँच माह में कई बार हो चुकी लेकिन आज भी यहां के लोगों को कार्यवाही का इंतजार है।
चक 14 पीकेडी निवासी रविन्द्र खजूरिया ने बताया कि पिछले लगभग 5 माह से लगातार जिप्सम माफिया इस क्षेत्र में सक्रिय है। चक 11 पीकेडी में 40 बीघा वन-विभाग की भूमि में से अब तक करोड़ों रुपए का जिप्सम निकाला गया है जबकि चक 14 पीकेडी में 20 बीघा भूमि में से अब तक अवैध रूप से जिप्सम निकाला गया है। चक 3 पीकेएम में भी इन्ही जिप्सम माफियाओं द्वारा अवैध रूप से लगभग 10 बीघा तथा अन्य संजरवाला आदि क्षेत्रों में भी वन-विभाग की भूमि में से अवैध जिप्सम निकाला गया है। खजूरिया ने बताया कि अवैध जिप्सम निकालने के लिए ये माफिया यहां 50 से 60 लोग गुण्डागर्दी के लिए रखते है। जिनके पास हथियार भी होते है। वहीं दर्जनों गाडिय़ां यहां खड़ी रहती है। ये जिप्सम माफिया बिना नम्बरों की जेसीबी मशीन, टैलर व डम्फर से यहां से जिप्सम निकाल रहे है। इस सन्दर्भ में जिला कलेक्टर, वन-विभाग के उच्चाधिकारियों, पुलिस अधीक्षक बीकानेर तथा खनिज विभाग को कई बार शिकायत करने के बावजूद भी आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। जब भी शिकायत की जाती है तो ये जानकारी इन माफियाओं के पास आ जाती है और ये यहां के स्थानीय लोगों को बल पूर्वक धमकियां भी देते है। इन जिप्सम माफियाओं के आतंक के कारण हम लोगों को घरों से निकलने में भी भय लगता है। वहीं कई बार इनके द्वारा यहां के स्थानीय लोगों के साथ मारपीट भी की गई है। जिला कलेक्टर नमित मेहता के द्वारा माधोडिग्गी के दौरे पर शिकायत की गई थी। लेकिन कार्यवाही अभी तक नहीं हो पाई। जिसकी सूचना इन माफियाओं को मिलने के बाद इन्होंने एक बार के लिए तो काम को बन्द कर दिया है लेकिन देर रात्रि को यहां जेसीबी के माध्यम से जिप्सम निकाला जा रहा है। इस सम्बन्ध में उपखण्ड अधिकारी को जानकारी के लिए फोन किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
वर्जन
खाजूवाला के पीकेडी क्षेत्र में दोहरे आवंटन की जमीनें है। 1975 में सरकार द्वारा वन-विभाग को जमीनें आवंटित हुई थी। लेकिन सरकार ने बाद में इसे किसानों को आवंटित कर दी। जिसके बाद यहां किसान खेती करता आ रहा है। इसका कब्जा भी किसानों के पास है। इसमें जो जिप्सम का खनन हो रहा है। उसपर कार्यवाही खनिज विभाग व पुलिस द्वारा की जा सकती है। वन-विभाग इसपर कार्यवाही नहीं कर सकता है।
मोहन मीणा
क्षेत्रीय वन-अधिकारी रेंज बेरियांवाली, खाजूवाला
वर्जन
खाजूवाला में अवैध खनन की शिकायत मिली जिसपर दो बार टीम के साथ मौके पर पहुंचे। यहां वन-विभाग की टीम को भी बुलाया गया। पूरी रात को इंतजार करने के बाद भी कोई नहीं मिला है। मौके पर देखा गया कि जिप्सम निकालकर खड्ढे भरे हुए थे। उसकी कैल्कुलेशन नहीं हो पाई। आगामी दिनों में सख्त कार्यवाही की जाएगी।
राजेन्द्र सिंह
खनि. अभियंता, बीकानेर

 
 

