











दिन में सोने की है आदत तो तुरंत बदल लें इसे, वरना इस खतरनाक बीमारी के हो जाएंगे शिकार
हाल ही में हुई एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि 80 वर्ष की महिलाओं में दिन में बढ़ती नींद डिमेंशिया का खतरा दोगुना कर सकती है। हालांकि, यह साबित नहीं हुआ कि दिन में झपकी लेने से डिमेंशिया होता है, लेकिन दोनों के बीच गहरा संबंध जरूर पाया गया। नींद हमारे दिमाग को आराम, ऊर्जा और स्मरणशक्ति के लिए बेहद जरूरी है। उम्र बढ़ने के साथ नींद का पैटर्न बदलना आम बात है, और यही इस अध्ययन का मुख्य फोकस था।
स्टडी की झलक:-
यह शोध यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफ़ोर्निया, सैन फ्रांसिस्को के डॉ. यू लेंग की अगुवाई में हुआ। इसमें 733 महिलाएं शामिल थीं, जिनकी औसत उम्र 83 साल थी। अध्ययन की शुरुआत में सभी प्रतिभागियों की याददाश्त और सोचने की क्षमता सामान्य थी। शोधकर्ताओं ने इन महिलाओं को पांच साल तक ट्रैक किया।
नतीजे और नींद का पैटर्न:-
पांच साल बाद, 164 महिलाओं (22%) में माइल्ड कॉग्निटिव इम्पेयरमेंट और 93 महिलाओं (13%) में डिमेंशिया के लक्षण दिखे। नींद की आदतें जानने के लिए सभी महिलाओं ने कलाई पर डिवाइस पहनी, जिसने उनकी नींद और दिनचर्या रिकॉर्ड की।
प्रतिभागियों को तीन समूहों में बांटा गया:-
- स्थिर या बेहतर नींद – 44%
- रात की नींद में गिरावट – 35%
- दिन और रात दोनों में बढ़ती नींद – 21%
डिमेंशिया से संबंध:-
- बढ़ती नींद वाले समूह में 19% महिलाओं को डिमेंशिया हुआ।
- स्थिर नींद वाले समूह में यह आंकड़ा 8% था।
- रात की नींद में गिरावट वाले समूह में यह 15% रहा।
अन्य कारणों (जैसे उम्र, शिक्षा, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर) को ध्यान में रखते हुए पाया गया कि बढ़ती नींद वाली महिलाओं में डिमेंशिया का खतरा स्थिर नींद वालों की तुलना में लगभग दोगुना था।
शोधकर्ताओं की राय:-
डॉ. लेंग का कहना है कि बुजुर्गों में सिर्फ रात की नींद ही नहीं, बल्कि झपकी और दिनचर्या भी मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालते हैं। चूंकि स्टडी में ज्यादातर प्रतिभागी गोरे थे, इसलिए नतीजों को सभी जातियों पर लागू नहीं किया जा सकता। भविष्य में और बड़े तथा विविध समूहों पर रिसर्च की जरूरत है।
यह अध्ययन U.S. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑन एजिंग द्वारा फंड किया गया और इसका प्रकाशन Neurology जर्नल में हुआ। यह शोध बुजुर्ग महिलाओं में नींद और डिमेंशिया के बीच संबंध को समझने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

