











R.खबर, टेस्ला के CEO एलन मस्क को भले ही भारत में अब सरकार की तरफ से न्यौता मिलने लगा है। लेकिन टेस्ला के लिए भारत में कारोबार जमानाआसान नहीं होगा। तेलंगाना, पंजाब और महाराष्ट्र सरकार ने टेस्ला को अपने राज्यों में कार फैक्ट्री खोलने का ऑफर दिया है।

टेस्ला पूरी तरह से असेंबल गाड़ियों पर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी को घटाकर 40% करने की मांग कर रही है। यहां 40,000 डॉलर से सस्ती गाड़ियों पर 60% और उससे महंगी गाड़ियों पर 100% इंपोर्ट ड्यूटी लगती है। कंपनी चाहती है कि उसकी गाड़ियों को लग्जरी नहीं इलेक्ट्रिक व्हीकल माना जाए।
सरकार ने कुछ महीने पहले कहा था कि बाहर से मंगाए जाने वाले किसी भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर आयात शुल्क माफ करने या उसमें कमी करने का उसका कोई इरादा नहीं है।

टेस्ला के लिए भारतीय कार बाजार में पकड़ बनाना आसान नहीं होगा। इसकी कई वजहें हैं, यहां हर साल जितनी गाड़ियां बिकती हैं, उनमें सिर्फ एक पर्सेंट ही इलेक्ट्रिक होती हैं। दूसरी, टेस्ला की इलेक्ट्रिक गाड़ियां बहुत महंगी होती हैं। तीसरी, यहां चार्जिंग फैसिलिटी कम है। चौथी, यहां इंपोर्टेड गाड़ियों पर हैवी टैक्स लगता है।

 
 