खाजूवाला में संघर्ष समिति ने इन मांगों को लेकर किया प्रदर्शन, पढ़ें पूरी खबर
खाजूवाला, खाजूवाला नगरपालिका क्षेत्र की बदहाल पेयजल व विद्युत आपूर्ति व विभागीय लापरवाही को लेकर मंगलवार को बाजार आधा दिन बंद रहा। खाजूवाला बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले लोगों ने प्रदर्शन में विरोध स्वरूप बाजार में कुछ देर के लिए धरना दिया तथा नारेबाजी करते हुए उपखण्ड अधिकारी कार्यालय पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन उपखण्ड अधिकारी के मार्फत नायब तहसीलदार को सौंपा गया।

ज्ञापन में अवगत करवाया कि नगरपालिका क्षेत्र में पिछले दस वर्षो से पेयजल की हालात बदहाल है। आमजन को पर्याप्त पीने का पानी ही नही मिल रहा है। महीने भर में केवल दो या तीन बार ही आपूर्ति दी जा रही है। पेयजल डिग्गियों की हालात दयनीय हैं और जर्जर हो चुकी है। इन डिग्गियों की पिछले 11 वर्षों से एक बार भी साफ-सफाई व मरम्मत नहीं हुई है। विभाग द्वारा बिना साफ व फिल्टर किए पानी घरों में आपूर्ति करने से आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। कस्बे में पिछले 10 वर्षों में पाइप लाइनों की एक बार भी मरम्मत व बदली नही की गई है। ज्यादातर पाइप लाइनें टूट चुकी है तथा कई जगह पर पाइप लाइनें गन्दे नालों से होकर डाली गई है, जिससे नालों का गन्दा पानी आमजन के घरों में पहुंच रहा है। समिति ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को कई बार अवगत करवाया था, लेकिन कोई कार्रवाई नही की जा रही है।

यह रखी मांगें
मुख्यमंत्री के नाम दिए ज्ञापन में मांग की कि खाजूवाला नगरपालिका में बनी डिग्गियों की सात दिवस में साफ व मरम्मत करवाई जाए। समस्त वार्डों के घर-घर तक पानी पहुंचाने के लिए विभाग को मौका निरीक्षण करने के लिए पाबंद किया जाए। खाजूवाला के समस्त वार्डों की पाइप लाइनों की जांच कर लीकेज को बन्द किया जाए। टूटी पाइप लाइनों को बदला जाए तथा पेयजल आपूर्ति का नियमित चक्र बनाकर आमजन को बताया जाए। पेयजल भण्डारण के बाद आपूर्ति से पहले पानी फिल्टर कर आपूर्ति किया जाए। पिछले कई वर्षो से विभागीय लापरवाही से पेयजल व्यवस्था बिगाडऩे व दूषित जल आपूर्ति करने वालों की जांच कर कानूनी कार्यवाही की जाए एवं निजी फर्मो को पेयजल आपूर्ति व पाइप लाइनों की मरम्मत, रखरखाव आदि के भुगतान की राशि की जांच की जाए। समस्त वार्डो के ट्रांसफार्मर, विद्युत लाइनों व खभों को बदला जाए। एफआरटी द्वारा क्षेत्र में किसी प्रकार का कार्य नहीं किया जा रहा है। एफआरटी की फर्म की निविदा निरस्त कर उसको भुगतान की गई राशि की जांच की जाए।