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बीकानेर, बीकानेर में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे क्रिकेट सट्टा बाजार को लेकर अब जबरदस्त जन आक्रोश फैल रहा है, दो दिन पहले राजस्थान के पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी ने बीकानेर में बढते अपराधों को लेकर प्रेस को सम्बोधित किया था जिसमें हथियारों के अवैध कारोबार, खुले आम हो रही गुण्डागर्दी व फायरिंग की घटनाओं को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए पुलिस पर निष्क्रियता के आरोप लगाये थे,और खुले आम चल रहे क्रिकेट सट्टा को समाज के लिये गंभीर नासूर बताते हुए स्पष्ट कहा था कि यह सब पुलिस की मिलीभगत वगैर संभव नहीं है। इस पर तुरंत लगाम नहीं लगाई गई तो परिणाम बुरे होंगे।
कल जन संघर्ष समिति के बैनर पर भाजपा के वरिष्ठ नेता सुरेन्द्र सिंह व एडवोकेट अशोक भाटी के साथ एक शिष्ट मंडल ने बीकानेर पुलिस महानिरीक्षक से मुलाकात करके ज्ञापन दिया जिसमें बीकानेर में बढ रहे अपराधों से अवगत करवाकर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की, ज्ञापन में उन्होंने क्रिकेट सट्टोरियो के अन्तर्राष्ट्रीय केन्द्र बने बीकानेर को तुरंत इस अवैध कारोबार से मुक्त करवाने की बात प्रमुखता से रखी है। जन संघर्ष समिति ने पुलिस महानिरीक्षक को समूचे क्रिकेट सट्टा बाजार की गतिविधियों से अवगत करवाते हुवे बताया कि बीकानेर में यह अवैध कारोबार क्रिकेट सट्टा बेखौफ़ चल रहा है, वर्तमान में आईपीएल सीरिज में रोजाना सैकड़ों करोड़ का सट्टा लगता है। क्रिकेट सट्टोरियो के जाल में अधिकांश युवा वर्ग आकर बर्बाद हो रहा है। इस अवैध करोबार की जानकारी पुलिस को होते हुवे भी कार्यवाही करके रोक नहीं लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है, इस समाज विरोधी धंधे में शामिल लोगों को अविलम्ब गिरफ्तार करके अंकुश लगाया जावे, अन्यथा स्थिति बिगड़ सकती है, इनके जाल मेें फंसे लाखों घर बर्बाद हो जायेंगे, जो मजबूरी में फिर अपराध जगत के हिस्से बन सकते है।

जिस तरीके से खुले आम क्रिकेट सट्टा चल रहा है और अभी तक एक भी नहीं पकड़ा गया, इससे यह साफ जाहिर होता है कि पुलिस सटोरियों से मिलकर यह सामाजिक अपराध करा रही है, बिना पुलिस की मिलीभगत के यह असंभव है। यह तो स्पष्ट हो गया कि क्रिकेट सट्टे के अवैध कारोबार में बीकानेर बुरी तरह से जकड चुका है, इस संगीन सामाजिक अपराध को लेकर लगातार जन आक्रोश बढ रहा है, फिर भी पुलिस पर इसका कोई असर नहीं हो रहा है, ऐसा लगता है कि अब बीकानेर के लोग ज्यादा बर्दाश्त नहीं करेंगे, पुलिस ने अपने ‘कमाऊÓ सटोरियों पर लगाम नहीं लगाई तो बढ रहा जन आक्रोश विस्फोटक रूप भी धारण कर सकता है। हवाला व क्रिकेट सट्टा के अवैध कारोबार का अन्तर्राष्ट्रीय केन्द्र बने बीकानेर के बारे में मीडिया भी सजग है, और लगातार उज्जागर करके सरकार व पुलिस प्रशासन की ध्वजियां उड़ा रहा है, मगर बीकानेर पुलिस पर कोई असर नहीं हो रहा है, ऐसा लगात है कि इस अवैध कारोबार के माध्यम से होने वाली काली कमाई के सभी हिस्सेदार बने हुवे है।

क्या पुलिस नहीं जानती इनकों ?
बीकानेर के हवाला व क्रिकेट सट्टोरियों के तार अन्तर्राष्ट्रीय गिरोह से जुड़े हुवे है, लगातार सभी जगह का यह अवैध कारोबार यहां के हवाला व क्रिकेट सटोरियों के माध्यम से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर होता है, यह बात वर्ष २०१६ में बीकानेर पुलिस द्वारा की गई जबरदस्त कार्यवाही व धरपकड़ के बाद प्रारंभिक गहन जांच में उज्जागर हो चुकी है। उक्त धरपकड़ व जबरदस्त कार्यवाही ने हवाला तथा क्रिकेट सट्टा बाजार की कमर तोड़ दी, जो इतने भयभीत हो गये कि लम्बे समय तक इस काले कारोबार का नाम लेना ही भूल गये, बाद में कुछ वापस सक्रिय हुवे तो कोरोनाकाल के प्रारंभ ने मंसूबों पर पानी फेर दिया।
अब पिछले दो महिने याने पहले सीपीएल व बाद में आईपीएल में हवाला व क्रिकेट सटोरियों का गिरोह दुगने जोश के साथ सक्रिय हो गया है, लगता है कि अब इनकी सेटिंग नीचे से उपर तक हो चुकी है, अब यह भारी जन विरोध के बावजूद भी बेखौफ काला कारोबार चला रहे है, और पुलिस कहती है कि ना तो जानकारी है और ना ही जानते है, जबकि इन हवाला व क्रिकेट सटोरियों के नाम बच्चा बच्चा जानता है, जो सर्वाधिक चर्चित है, उनमें नोखा मंडी के शिव झंवर बंधु, डबल एस (प्रकाश सेठिया), प्रवीण चोरडिय़ा, बबलू माली, काका पंजाबी, पवन डागा, बिजू सोनावत, सुरेश दम्माणी, जगदीश अरोड़ा, मनमोहन मोदी, संतोष सुस्वाणी, जे.के. खान, मोहसिन, सलीम, छोटा डॉन व शोलापुर सिंडिकेट से जुड़े गंगाशहर के गणेश, अशोक, सुरेन्द्र छल्लाणी बंधु हवाला व क्रिकेट सटोरियों की टीम के कप्तान बताये जाते है, इनका जाल समूचे देश में फैला हुवा है, और अन्तर्राष्ट्रीय अपराध जगत से संबंध इनमें से अधिकांश 2016 तथा बााद में पकड़े गये थे, तब उज्जागर हो गये थे। इनमें से अधिकांश लोग पूर्व में पकड़े जा चुके है, जिनका पुलिस रिकार्ड भी है, फिर भी हैरत की बात है कि पुलिस कहती है जानकारी नहीं है।