Rajasthan: हाईकोर्ट में 7 नए जजों की नियुक्ति, राजस्थान में दूसरी बार 40 पार हुई जजों की संख्या
R.खबर ब्यूरो। राजस्थान हाईकोर्ट में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने सात नए जजों की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। जानकारी के अनुसार इनमें छह वकील कोटे से और एक न्यायिक अधिकारी कोटे से हैं। बता दें कि इस नियुक्ति के बाद हाईकोर्ट में जजों की संख्या 43 हो गई है, जो इतिहास में दूसरी बार 40 के आंकड़े को पार कर गई है।
बता दें, इससे पहले जुलाई 2023 में जजों की संख्या 41 तक पहुंची थी। यह कदम हाईकोर्ट में लंबित छह लाख से अधिक केसों के बोझ को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
एक न्यायिक कोटे से, 6 वकील कोटे से:-
केंद्र सरकार ने 22 जुलाई 2025 को नोटिफिकेशन जारी कर सात नए जजों की नियुक्ति की घोषणा की। इनमें संदीप तनेजा को स्थायी न्यायाधीश और छह अन्य को अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। वकील कोटे से नियुक्त जजों में चार जयपुर से (विपिन गुप्ता, अनुरूप सिंघी, संदीप तनेजा, रवि चिरानिया) और दो जोधपुर से (संजीत पुरोहित, बलजिंदर सिंह सिद्धू) हैं। वहीं, न्यायिक अधिकारी संगीता शर्मा को भी जज के रूप में नियुक्त किया गया है। इन नियुक्तियों से हाईकोर्ट की कार्यक्षमता बढ़ने की उम्मीद है।
हाईकोर्ट में 2025 में रिकॉर्ड नियुक्तियां:-
साल 2025 राजस्थान हाईकोर्ट के लिए जजों की नियुक्ति के लिहाज से ऐतिहासिक रहा है। जनवरी में तीन, मार्च में चार और अब जुलाई में सात नए जजों की नियुक्ति के साथ इस साल कुल 15 जज नियुक्त किए गए हैं। यह एक साल में सबसे ज्यादा जजों की नियुक्ति का रिकॉर्ड है।
खास बात यह है कि इन नियुक्तियों के साथ राजस्थान हाईकोर्ट देश का पहला हाईकोर्ट बन गया है, जहां दो दंपती न्यायाधीश के रूप में कार्यरत हैं। यह उपलब्धि न्यायिक इतिहास में एक नया कीर्तिमान है।
लंबित केसों का बोझ होगा कम:-
राजस्थान हाईकोर्ट में अप्रैल 2025 तक करीब छह लाख केस लंबित थे, जिसके चलते प्रत्येक जज पर औसतन 16,000 मुकदमों का भार है। हाईकोर्ट में जजों की स्वीकृत संख्या 50 है, लेकिन अब तक केवल 36 जज कार्यरत थे। सात नए जजों की नियुक्ति के बाद यह संख्या 43 हो गई है, फिर भी 12 पद खाली हैं। लंबित केसों के बोझ को कम करने के लिए जजों की संख्या बढ़ाने की मांग लंबे समय से उठ रही है।
बताते चलें कि मार्च 2025 में जयपुर में एक कार्यक्रम के दौरान तत्कालीन हाईकोर्ट न्यायाधीश ने केंद्रीय विधि मंत्री अर्जुनराम मेघवाल से स्वीकृत जजों की संख्या 50 से बढ़ाकर 70 करने की मांग की थी। गौरतलब है कि नई नियुक्तियों से राजस्थान हाईकोर्ट में लंबित मामलों के निपटारे में तेजी आने की उम्मीद है।