











Rajasthan: ‘नैनो बनाना गेम’ से 3D इमेज बना रहे हैं तो रहें अलर्ट, साइबर एजेंसी ने दी बड़े खतरे की चेतावनी
R.खबर ब्यूरो। राजस्थान, जहां एआइ टेक्नोलॉजी मनोरंजन की दुनिया में नए अवसर लेकर आई है, वहीं यह डेटा सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे भी पैदा कर रही है। डिजिटल युग में एआइ आधारित गेम्स और 3डी डिजिटल फिगरिन्स का ट्रेंड युवाओं के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
तेजी से बढ़ रहा नैनो बनाना ट्रेंड:-
सोशल मीडिया पर युवा वर्ग खासतौर से नैनो बनाना जैसे एआइ टूल्स का खूब इस्तेमाल कर रहा है। गूगल के जेमिनी 2.5 फ्लेश इमेज प्लेटफॉर्म से संचालित ये टूल्स सेकंडों में किसी भी फोटो को आकर्षक 3डी मिनिएचर में बदल देते हैं। इसकी खासियत है कि यूजर को केवल फोटो और कुछ प्रॉम्प्ट देने होते हैं, और बिना किसी अतिरिक्त तकनीकी ज्ञान या खर्च के नतीजा मिल जाता है।
लॉगिन करते समय रखें ये सावधानियां:-
- वास्तविक पहचान की बजाय गुमनाम अकाउंट का इस्तेमाल करें।
- कोई भी व्यक्तिगत या संवेदनशील जानकारी साझा न करें।
- माता-पिता बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखें।
- मोबाइल एप्स और गूगल प्ले स्टोर पर पासवर्ड लॉक लगाएं।
- सोशल मीडिया पर हाई-क्वालिटी फोटो अपलोड करने से बचें।
सीइआरटी-इन की चेतावनी:-
भारत की राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा एजेंसी (CERT-In) ने अलर्ट जारी किया है कि सभी एआइ एप सुरक्षित नहीं होते। साइबर अपराधी फर्जी एप बनाकर उन्हें लोकप्रिय गेम्स या टूल्स के नाम पर फैला सकते हैं। इन्हें डाउनलोड करने पर फोन में मालवेयर इंस्टॉल हो सकता है।
वायरल होने की वजह:-
नैनो बनाना जैसे एआइ गेम इंस्टाग्राम, फेसबुक और एक्स पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। युवा अपनी और परिवार की 3डी डिजिटल इमेज बनाकर शेयर कर रहे हैं। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि ये एप्स यूजर्स का निजी डेटा इकट्ठा कर सकते हैं, जो गलत हाथों में जाने पर खतरा बढ़ा सकते हैं।
क्यों खतरनाक है?
जब यूजर अपनी फोटो को 3डी डिजिटल फिगरिन में बदलकर शेयर करता है, तो उसकी निजता खतरे में पड़ सकती है। इन फोटोज़ का उपयोग फेक न्यूज या भ्रामक सूचनाएं फैलाने में भी किया जा सकता है।
– गजेंद्र शर्मा, साइबर एक्सपर्ट

 
 