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Rajasthan: आरटीई के तहत इस बार 2.37 लाख बच्चों को ही निशुल्क प्रवेश, 25 हजार आवेदन खारिज

R.खबर ब्यूरो। बीकानेर, शिक्षा सत्र 2025-26 में राजस्थान के निजी स्कूलों में आरटीई (Right to Education) एक्ट के तहत इस बार केवल 2.37 लाख बच्चों को ही निशुल्क प्रवेश मिल सका है। वहीं, 25 हजार से अधिक आवेदनों को दस्तावेजों में खामियां पाए जाने के कारण खारिज कर दिया गया है। अब भी 42 हजार से ज्यादा बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिले का इंतजार है।

5 नवंबर तक होगा भौतिक सत्यापन:-

शिक्षा निदेशालय ने आरटीई के तहत निशुल्क प्रवेश पाने वाले विद्यार्थियों का भौतिक सत्यापन 5 नवंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए जिलेवार सत्यापन दलों का गठन कर दिया गया है। प्रत्येक दल को ट्रेनिंग दी जा रही है, जिसके बाद ये दल निजी स्कूलों में जाकर प्रवेशित विद्यार्थियों के डाटा और उपस्थिति का वास्तविक मिलान करेंगे।

चॉइस भरने के बाद भी 70 हजार से ज्यादा बच्चे रहे वंचित:-

अभिभावकों द्वारा स्कूलों में चॉइस भरने के बावजूद 70,657 बच्चों को निशुल्क प्रवेश नहीं मिला। इनमें से 26,567 आवेदन दस्तावेज़ी खामियों के कारण खारिज कर दिए गए, जबकि 44,090 विद्यार्थी पात्र होने के बावजूद भी प्रवेश से वंचित रह गए।

इस वर्ष आरटीई के तहत कुल 2,37,407 बच्चों को प्रवेश मिला है, जिनमें 63,727 विद्यार्थियों को नर्सरी और 1,73,680 विद्यार्थियों को पहली कक्षा में निशुल्क एडमिशन दिया गया है।


सत्यापन के बाद शुरू होगी फीस पुनर्भरण प्रक्रिया:-

सत्यापन दलों की रिपोर्ट आने के बाद ही फीस पुनर्भरण प्रक्रिया (Reimbursement Process) शुरू की जाएगी।
इस बार प्रदेश के 31,720 निजी स्कूलों में आरटीई के तहत 2.37 लाख विद्यार्थियों को निशुल्क प्रवेश मिला है।

प्रदेशभर में 25% सीटों पर निशुल्क प्रवेश के लिए 3,08,064 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। 9 अप्रैल को ऑनलाइन लॉटरी सिस्टम से चयनित विद्यार्थियों का वरीयता क्रम तय किया गया, जबकि अंतिम चरण का आवंटन 31 अगस्त को किया गया।
इस प्रक्रिया में सामने आया कि कुल 3.08 लाख में से केवल 2.37 लाख बच्चों को ही प्रवेश मिल सका।

प्राधिकरण का बयान:-

चंद्र किरण पंवार, आरटीई प्रभारी, प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने बताया — आरटीई में निशुल्क प्रवेशित विद्यार्थियों का भौतिक सत्यापन 5 नवंबर तक पूरा किया जाएगा। जयपुर के करीब 9 निजी स्कूलों द्वारा चयनित अभ्यर्थियों को प्रवेश नहीं देने की शिकायत पर संस्था प्रधानों को अंतिम अवसर देते हुए तुरंत प्रवेश देने के निर्देश जारी किए गए हैं।”