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खाजूवाला, स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविधालय बीकानेर के अधीनस्थ कृषि महाविद्यालय, बीकानेर के अंतर्गत संचालित राष्ट्रीय कृषि विकास योजना साजी की खेती पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन शुक्रवार को खाजूवाला तहसील के चक 40 केवाईडी में किया गया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ. रूपेश कुमार मीणा असिस्टेंट प्रोफेसर एवं प्रोजेक्ट प्रभारी ने साजी की वैज्ञानिक खेती के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बंजर व लवणीय भूमि जहाँ अन्य कोई फसल नहीं ले सकते वहाँ पर साजी की खेती लगातार 4-5 साल करते है तो वह भूमि अन्य फसल की खेती योग्य हो जाती है एवं इसकी कटाई के उपरांत जलाने पर प्राप्त उत्पाद साजी एवं चौआ का उपयोग पापड़, भुजिया एवं दवाइयां बनाने में किया जाता है। डॉ आर.के. शिवरान वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष कृषि विज्ञान केंद्र लूनकरणसर ने कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा किसानों के लिए चलाये जा रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे एवं केवीके की गतिविधियों के बारे मे जानकरी देते हुए साजी की खेती को अपनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया। डॉ.बी.एस.मिठारवाल सहायक प्राध्यापक कीट वैज्ञानिक ने साजी की खेती में पौध संरक्षण करते हुए साजी की पैदावार बढ़ाने के बारे में बताया साथ ही रबी फसलों में लगने वाले कीटों के प्रबंधन के बारे में जानकारी प्रदान की। डॉ सोमेश कृषि अधिकारी ने राज्य सरकार द्वारा किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं, अनुदान के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की।

कार्यक्रम के बाद में कृषि वैज्ञानिकी की टीम ने पावली चक के प्रगतिशील किसान हनुमान बावरी के साजी खेत पर भ्रमण किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रोजेक्ट में कार्यरत एसआरएफ रमेश कुमार, रोबिन सिंह व गांव के सरपंच प्रतिनिधि श्रवण गोदारा एवं 55 किसान भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में डॉ.रुपेश कुमार मीना ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया।