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बीकानेर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के मानव संसाधन विकास निदेशालय द्वारा सोमवार को कैंसर जागरुकता शिविर आयोजित किया गया। इस दौरान जिला नोडल अधिकारी (कैंसर) डाॅ. सुरेश खत्री ने कैंसर के लक्षण, कारण एवं बचाव के उपायों के बारे में बताया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह थे। उन्होंने कहा कि हमारी असंयमित दिनचर्या, बढ़ते प्रदूषण और कीटनाशकों का अंधाधुध उपयोग कैंसर के प्रमुख कारणों में हैं। हमें समय रहते जागरुक होना होगा, अन्यथा इसके बेहद घातक परिणाम आएंगे। उन्होंने कहा कि समय-समय पर ऐसे शिविर आयोजित होने चाहिए।


 डाॅ. खत्री ने बताया कि शरीर के किसी अंग में असामान्य सूजन या कड़कपन, न भरने वाले घाव होना अथवा शरीर के किसी भाग में रक्तस्त्राव, लगातार बुखार या वजन में कमी और 3 सप्ताह से अधिक खांसी या आवाज कर्कश होना आदि कैंसर के लक्ष्णों में हैं।
इसी प्रकार तीन हफ्ते से अधिक समय तक मुंह या जीभ पर घाव, भोजन निगलने में लगातार असुविधा या बदहजमी, मूत्र विसर्जन में कठिनाई, मूत्र या शौच में रक्तस्त्राव, स्तन में सूजन अथवा कड़ापन या खिंचाव, 4 से 6 सप्ताह या ज्यादा समय तक बार-बार पतले दस्त होना, असामान्य रक्त स्त्राव या मासिक धर्म के पश्चात् भी योनि से रक्त आदि लक्षण पाए जाएं, तो तुरंत चिकित्सकीय मार्गदर्शन लेना चाहिए।


उन्होंने कहा कि कैंसर कारक आहार बंद करना तथा कैंसर निवारक आहार लेना चाहिए। उन्होंने विभिन्न आंकड़ों एवं फिल्मों के आधार पर कैंसर रोग की स्थिति के बारे में बताया। डाॅ. राजेश वर्मा ने शिविर की उपयोगिता के बारे में बताया।
इस अवसर पर गृह विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता प्रो. विमला डुकवाल, आइएबीएम निदेशक डाॅ. मधु शर्मा, डाॅ. नीना सरीन, डाॅ. जया पालीवाल, डाॅ. सीमा त्यागी, डाॅ. अमिता शर्मा, डाॅ. मंजू राठौड़ सहित आइएबीएम एवं गृह विज्ञान महाविद्यालय के विद्यार्थी मौजूद रहे।

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