rkhabar
rkhabar
rkhabar

rkhabar
rkhabar
rkhabar
rkhabar
rkhabar
rkhabar
rkhabar
rkhabar

फिल्म ‘पद्मावत’ का विरोध और डायरेक्टर संजय लीला भंसाली को थप्पड़ मारने के विवाद से चर्चा में आए राजपूत नेता सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की मंगलवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई। कुछ दिनों से लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम से उन्हें धमकियां मिल रही थीं। इसके बाद गोगामेड़ी ने पुलिस से सुरक्षा मांगी थी, लेकिन उनको सुरक्षा नहीं मिली थी। 2013 में विधायक का चुनाव लड़ चुके गोगामेड़ी के खिलाफ 21 आपराधिक मामले दर्ज थे। वे हमेशा विवादों में रहे थे।


कौन थे सुखदेव सिंह गोगामेड़ी
सुखदेव सिंह शेखावत मूल रूप से हनुमानगढ़ जिले के भादरा कस्बे के गोगामेड़ी गांव के रहने वाले थे। इसलिए वे नाम के पीछे हमेशा ‘गोगामेड़ी’ लगाते थे। उनका परिवार गोगामेड़ी गांव से करीब 1 किलोमीटर दूर खेत में बनी ढाणी में रहता था। पिता अचल सिंह शेखावत का देहांत हो चुका है। तीन भाइयों में अब केवल सबसे बड़े भाई दिलीप सिंह शेखावत ही बचे हैं, जो गोगामेड़ी में ही दुकान चलाते हैं। बीमारी के चलते सालभर पहले सबसे छोटे भाई कानसिंह की मौत हो चुकी है।
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की पत्नी शीला कंवर भादरा में साहवा बस स्टैंड के नजदीक स्थित मकान में रहती हैं। वकालत की पढ़ाई करने वाली शीला शेखावत खुद भी राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना में सक्रिय रही हैं।


बसपा से लड़ चुके हैं विधानसभा चुनाव

सुखदेव सिंह शेखावत ने भादरा सीट से साल 2013 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था। 34 हजार वोट लेकर वे तीसरे स्थान पर रहे थे। विधानसभा चुनाव 2023 में सुखदेव सिंह कांग्रेस से टिकट मांग रहे थे। टिकट नहीं मिला तो उनकी पत्नी शीला शेखावत ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नॉमिनेशन किया था। हालांकि बाद में उन्होंने नामांकन वापस ले लिया था।


2006 से करणी सेना में सक्रिय
सुखदेव सिंह करणी सेना में 2006 से ही सक्रिय थे। 2008 में जब जोधा-अकबर फिल्म का विरोध शुरू हुआ तो सुखदेव ने बढ़-चढ़कर आंदोलनों में हिस्सा लिया। अपने भाषणों से भीड़ जुटाई तो उनकी पहचान राजपूत नेता के तौर पर बनी।
करणी सेना से अलग होकर राजपूत करणी सेना का गठन करने वाले लोकेंद्र सिंह कालवी ने सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी थी। इस संगठन से प्रदेशभर में लाखों युवा जुड़ गए थे। बाद में सुखदेव गोगामेड़ी का लोकेंद्र सिंह कालवी से विवाद हो गया था। इसके बाद उन्होंने श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना नाम से अलग संगठन बना लिया था।


पद्मावत फिल्म को लेकर शुरू हुआ था विरोध
पद्मावत फिल्म के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली 2017 में जयपुर के जयगढ़ फोर्ट में फिल्म की शूटिंग कर रहे थे। यह फिल्म चित्तौड़गढ़ की रानी पद्मावती और मुगल सम्राट अल्लाउद्दीन खिलजी पर थी। इस पर राष्ट्रीय श्री राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखेदव सिंह गोगामेड़ी ने विरोध शुरू कर दिया। उनका आरोप था कि फिल्म में रानी पद्मावती के किरदार के साथ छेड़खानी कर राजपूतों की गलत इमेज पेश की जा रही है।
फिल्म डायरेक्टर संजय लीला भंसाली थप्पड़ कांड से चर्चा में आए।
सुखेदव सिंह गोगामेड़ी और उनके संगठन के कार्यकर्ता 28 जनवरी 2017 को जयगढ़ फोर्ट में शूटिंग का विरोध करने गए। तभी उग्र हुई भीड़ ने सेट पर तोड़फोड़ कर दी और इसी दौरान किसी कार्यकर्ता ने संजय लीला भंसाली को थप्पड़ मार दिया। फिल्म के क्रू मेंबर के साथ भी मारपीट की गई। इस विरोध प्रदर्शन के बाद संजय लीला भंसाली और उनकी टीम मुंबई लौट गई थी। इसके बाद सुखदेव चर्चा में आए थे।


देशभर में शुरू हुआ था प्रदर्शन
जब फिल्म की रिलीज अनाउंस हुई तो जनवरी 2018 में श्री राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी, श्री राजपूत करणी सेना के संयोजक लोकेंद्र सिंह कालवी और प्रदेशाध्यक्ष महिपाल मकराना के नेतृत्व में देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए।
जबरदस्त विरोध के चलते भंसाली ने अपनी फिल्म में कई बदलाव किए थे। फिर भी इस फिल्म की रिलीज तक भारी बवाल होता रहा। यहां तक कि फिल्म की रिलीज के दिन 25 जनवरी 2018 को देश के कई राज्यों में कर्फ्यू लगाया गया था।
इस फिल्म के विरोध में गुड़गांव, हैदराबाद, गुजरात, बिहार, जम्मू, करनाल, कुरुक्षेत्र, नोएडा, मुजफ्फरनगर, मेरठ, लखनऊ, सूरत आदि जगहों पर तोड़फोड़ की गई थी। 23 जनवरी 2018 को करणी सेना के करीब 2000 लोगों ने अहमदाबाद के चार मॉल्स में तोड़फोड़ की थी। 50 से अधिक गाड़ियों को फूंक दिया था।


आनंदपाल एनकाउंटर के विरोध में प्रदर्शन और हिंसा
राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर आनंद पाल सिंह का पुलिस ने 24 जून 2017 को चूरू के मालासर गांव में एनकाउंटर कर दिया था। इस एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए करणी सेना के तीनों संगठन ने मामले की जांच CBI से कराने की मांग करते हुए प्रदेश भर में विरोध-प्रदर्शन किए थे।
तब सुखेदव सिंह गोगामेड़ी भी अपने कार्यकर्ताओं को साथ लेकर गांव सांवराद (नागौर) पहुंचे। एनकाउंटर का जमकर विरोध किया। इस आंदोलन ने बाद में हिंसा का रूप ले लिया, जिसमें एक व्यक्ति की मौत भी हुई थी। कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे।


सुखदेव सिंह के खिलाफ 21 मामले दर्ज
सुखदेव सिंह अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों के कारण हमेशा विवादों में रहे। यही कारण था कि उनकी लोकेंद्र सिंह कालवी से भी नहीं बनी। सुखदेव सिंह के खिलाफ प्रदेश के अलग-अलग थानों में 21 मामले दर्ज थे। इनमें 7 गंभीर आपराधिक मामले हैं। 2003 में उन्हें हत्या के मामले में भी दोषी ठहराया गया था। साल 2013 में आर्म्स एक्ट का मुकदमा दर्ज हुआ था। साल 2017 में सुखदेव पर रेप का मामला दर्ज हुआ था।


हनुमानगढ़ में रहने वाली महिला ने लगाए थे रेप के आरोप
18 जुलाई 2017 को सुखेदव सिंह गोगामेड़ी पर एक महिला ने दुष्कर्म और ज्यादती का आरोप लगाया था। हनुमानगढ़ जिले की रहने वाली महिला ने रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। पीड़ित महिला ने आरोप लगाया था कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने बहला-फुसलाकर जयपुर शहर में कई जगहों पर दुष्कर्म किया। इस मामले में 11 आरोपी बनाए गए थे। बाद में महिला अपने बयानों से मुकर गई थी। इसके बाद सुखदेव सिंह गोगामेड़ी सहित सभी आरोपियों को जयपुर की एक अदालत ने जुलाई 2022 में बरी कर दिया था।


15 अगस्त 2018 को लाल चौक पर झंडा फहराया
फारूक अब्दुल्ला के कश्मीर में तिरंगा फहराने की चेतावनी वाले बयान के बाद सुखदेव सिंह गोगामेड़ी सामने आए थे। उन्होंने श्रीनगर जाकर लालचौक पर तिरंगा फहराने का ऐलान किया था। उस दौरान कश्मीर में कर्फ्यू लगा हुआ था। सुखदेव सिंह अपने कार्यकर्ताओं के साथ जयपुर से कश्मीर गए थे। 15 अगस्त 2018 को लाल चौक पर तिरंगा लहराने के बाद सोशल मीडिया पर कई वीडियो भी पोस्ट किए थे।


पाकिस्तान के नंबरों से जान से मारने की धमकी मिली
15 जुलाई 2022 को सुखेदव सिंह गोगामेड़ी को पाकिस्तान के नंबरों से एक फोन कॉल के जरिए जान से मारने की धमकी मिली थी। कहा जाता है कि वे उस समय के राज्यमंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा के आवास पर बैठे थे। तब उनके पास पाकिस्तान के नंबर से वॉट्सऐप कॉल आया। फोन पर एक शख्स ने उन्हें करणी सेना बंद करने की धमकी देते हुए कहा था- संगठन बंद नहीं किया तो जान से मार देंगे।
गोगामेड़ी ने इस बात का जिक्र फेसबुक पर लाइव आकर किया था। बताया था कि पिछले सात दिनों के अंदर कई बार फोन कॉल के जरिए उन्हें जान से मारने की धमकी मिल रही है। इस पर उन्होंने जयपुर के श्याम नगर थाने में मामला भी दर्ज कराया था।


कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान का झंडा जलाया
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को जान से मारने की धमकी मिलने के बाद संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं और उनके समर्थकों ने जयपुर में कई जगहों पर पाकिस्तानी झंडे को जलाकर विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन सौंपकर पुलिस से धमकी देने वालों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग की थी।


लॉरेंस बिश्नोई गैंग से मिल रही थीं धमकियां
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को पिछले कुछ दिनों से लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं। लॉरेंस गैंग के सक्रिय सदस्य संपत नेहरा ने सुखदेव को जान से मारने की धमकी दी थी। इसको लेकर कुछ दिन पहले ही गोगामेड़ी ने जयपुर में पुलिस कमिश्नर से मिलकर सुरक्षा की मांग की थी।
दो युवकों ने दिनदहाड़े मार डाला
श्याम नगर (जयपुर) जनपथ पर सुखदेव सिंह गोगामेड़ी का घर है। यहीं पर श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना का कार्यालय भी है। मंगलवार दोपहर करीब 1:03 बजे उनके घर 3 बदमाश पहुंचे। वे सोफा पर बैठकर गोगामेड़ी से बात करने लगे। करीब 10 मिनट बाद दो बदमाश उठे और पिस्टल निकालकर फायरिंग कर दी। फायरिंग के दौरान गोगामेड़ी के गार्ड ने बचाने की कोशिश की। बदमाशों ने उस पर भी फायरिंग की। जाते-जाते एक बदमाश ने गोगामेड़ी के सिर में भी गोली मारी।


राजपूतों को आरक्षण के मुद्दे पर बनी करणी सेना, अब तीन संगठन
राजपूतों को आरक्षण दिलाने के मुद्दे पर 23 दिसंबर 2006 को सबसे पहले करणी सेना का जन्म हुआ। करणी माता राजपूतों में पूज्य लोक देवी हैं। इसलिए उन्हीं के नाम से लोकेंद्र सिंह कालवी ने करणी सेना का गठन किया था।
1.अजीत सिंह मामडोली को पहला प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था। लोकेंद्र सिंह कालवी खुद इसके संयोजक बने थे।
2.बाद में करणी सेना के संयोजक लोकेंद्र सिंह कालवी कांग्रेस में शामिल हो गए। इससे करणी सेना में फूट पड़ गई। करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह मामडोली ने लोकेंद्र सिंह कालवी को संगठन से बाहर कर दिया।
3.2010 में लोकेंद्र सिंह कालवी ने कांग्रेस छोड़ने के बाद ‘श्री राजपूत करणी सेना’ बनाकर श्याम प्रताप सिंह रुआं को इसका प्रदेश अध्यक्ष बनाया। इसके खिलाफ अजीत सिंह कोर्ट गए और दावा किया कि रजिस्टर्ड करणी सेना उनकी है। मामला कोर्ट में जाने पर श्याम प्रताप सिंह ने करणी सेना छोड़ दी।
4.लोकेंद्र सिंह कालवी ने दो साल बाद 2012 में ‘श्री राजपूत करणी सेना’ का प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को बना दिया। बाद में दोनों में विवाद हो गया। इस पर सुखदेव सिंह गोगामड़ी ने ‘श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना’ के नाम से नया संगठन बना लिया था।

राजपूतों को आरक्षण दिलाने के लिए कई आंदोलन किए
करणी सेना ने राजपूतों को आरक्षण के लिए कई आंदोलन किए। संगठन का नाम तब सुर्खियों में आया, जब 2008 में फिल्म जोधा-अकबर की शूटिंग चल रही थी। करणी सेना ने इसका विरोध किया और रिलीज नहीं होने दिया। यह पहला मौका था जब पूरे राजस्थान में इसको लेकर प्रदर्शन हुए। करणी सेना पॉपुलर हो गई। इसके बाद बॉलीवुड में राजस्थान के राजपूत समाज को लेकर कोई भी फिल्म बनती तो करणी सेना को पहले दिखाई जाती थी। सलमान खान की वीर फिल्म भी करणी सेना की सहमति के बाद रिलीज हुई।

स्त्रोत-भास्कर एप्प।