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खाजू्वाला, पूर्व संसदीय सचिव डॉ विश्वनाथ मेघवाल ने सोमवार को जल परामर्श दात्री की हुई बैठक में काश्तकारों को मात्र 7 बारी देने में 3 में से एक समूह पानी देने के निर्णय को किसानों के साथ अन्याय बताते हुए पुन: विचार करने की मांग की है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर चार में से दो समूह पानी देने की मांग की है।
उन्होंने बताया कि चना गेहूं सरसों की फसल पकाने के लिए सात पानी की बारियां दी जाएगी 30 अक्टूबर तक। चार में से दो और फिर पांच बारियां तीन में से एक समूह में चलाकर 23 मार्च को रेगुलेशन पूरा करने की सहमति ली गई है। जो किसानों के हित में नहीं है। किसानों को वर्तमान रेगुलेशन के अनुसार चार में से दो समूह में सिंचाई पानी देने की आवश्यकता है। इन्दिरा गांधी नहर के अंतिम छोर तक पानी पूरा नहीं दिया जाता है तो किसानों को बहुत ज्यादा नुकसान हो सकता है। डॉ विश्वनाथ मेघवाल ने कहा कि गेहूं की फसल पकाने के लिए अप्रेल के प्रथम सप्ताह तक किसानों को पानी की आवश्यकता रहेगी। रेगुलेशन के अनुसार 6 मार्च को अंतिम रेगुलेशन होने से जिन किसानों के खेत में 6 मार्च को पानी लगेगा उनको अगली बारी नहीं मिलने से गेहूं की फसल चौपट हो जाएगी। इस तरह फरवरी व मार्च में गर्मी शुरू होगी तो किसानों को अपनी गेहूं की फसल के साथ सरसों की फसल के लिए भी पानी की आवश्यकता रहेगी। ऐसी स्थिति में रेगुलेशन के हिसाब से पानी दे तो कम से कम 9 बारियो की आवश्यकता होती है।