
खाजूवाला, खाजूवाला पुलिस थाने में न्यायालय के इस्तगासे से फर्जी तरीके से खाली कागजों पर हस्ताक्षर करवा कर धोखाधड़ी करने व मस्टरोल में मेट बनाकर मृत व्यक्ति का नाम चलाकर फर्जीवाड़ा करने पर तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी के विरुद्ध मामला दर्ज हुआ है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार यासीन खान पुत्र बखु खां जाति मुसलमान निवासी वार्ड नंबर 7 खाजूवाला ने जरिये इस्तगासे से तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी बालूराम के विरुद्ध धारा 420, 467, 468 व 471 आईपीसी में मामला दर्ज करवाते हुए बताया कि वह कृषि पेशे के व्यक्ति है। उसकी पत्नी के नाम से चक 8 केजेडी बी में 50 बीघा कृषि भूमि है। जिसमें कृषि कार्य करके अपने व अपने परिवार का पालन पोषण करता है। करीब 4 वर्ष पूर्व बालूराम तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी ग्राम पंचायत खाजूवाला व कसम खाँ जो कि ग्राम पंचायत में ही कार्यरत था। यह दोनों मेरे पास आए और कहा की तुम्हारे खेत का रास्ता कच्चा है, उसको ग्राम पंचायत से नरेगा के कार्य के तहत पक्का करवा देंगे। जिसकी एवज में मुझसे खाली कागजों पर हस्ताक्षर करवाया गया। जिसके धोखाधड़ी कम पता मुझे 5 दिसंबर 2022 को हुआ, जब पुलिस थाना खाजूवाला से महेंद्र सिंह थानेदार ने मुझे फोन करके थाने बुलाया तथा कागजात दिखाए। जिस पर कूट रचित लिखा पढ़ी की हुई थी तथा एक मस्टरोल मेरे नाम से जारी था, जिसमें महेंद्र सिंह व वीर कौर वगैरा के नाम थे। जिसमें मुझे उक्त मस्टरोल का मेट नियुक्त दर्शाया गया था। मेरे द्वारा उपरोक्त मस्टररोल में कार्य मजदूरी की हाजिरी लगाना बताया गया। मुझे जानकारी दी तो मुझे पता चला कि बालूराम ने मेरे उक्त दोनों खाली कागजों पर मेरे द्वारा ग्राम पंचायत में काम मांगने तथा मेरा नाम तत्कालीन ग्राम पंचायत खाजूवाला में नरेगा के तहत जॉब मांगने हेतु फार्म भी स्वयं लिखकर भरकर व मेरे कूटरचित हस्ताक्षर कर के जमा करवा कर मस्ट्रॉल प्राप्त किया। उक्त मस्टररोल में मुझे मेट दिखाया है। उन लोगों ने मस्टरोल संख्या 11952 में मैट बता कर उक्त मस्टरोल 16.05.2019 से 30.05.2019 तक 6 केजेडी बी के खाला पटडा सुदृढ़ीकरण का कार्य चलना बताया है। जबकि कभी भी मैं मैट नहीं था व ना ही पंचायत में कभी कोई काम मांगा तथा मुझे अंग्रेजी भी नहीं आती। इसलिए मस्टररोल में उपस्थित अनुपस्थित में ए और पी लिखा गया है। तो मुझे अनपढ़ व्यक्ति द्वारा लिखा जाना असंभव है। बालूराम ने अपने आप को सदोष लाभ कार्य करते हुए, उक्त मस्टरोल संख्या 11952 में मृत व्यक्ति महेंद्र सिंह की झूठी हाजिरी लगाई थी। यह मेरे नाम से फर्जी मस्टररोल जारी करवाया था। मेरे द्वारा धोखे से रास्ता पक्का करने का कह कर दो सादे कागजों पर हस्ताक्षर करवा कर इन्होंने अपने पास रख लिए थे। उसमें से फार्म संख्या 6 नरेगा के तहत काम मांगने का प्रार्थना पत्र तैयार कर लिया व मुझे उपरोक्त मस्टररोल में मेट के तौर पर बताया गया। जब इस सभी फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ हो गया और बीडीओ, सरपंच व ग्राम विकास अधिकारी तक जांच में फंस गए और इन पर पुलिस थाना खाजूवाला में मुकदमा दर्ज हो गया। तो उन्होंने अपने आप को बचाव करने हेतु मुझे फसाने के लिए मेरे से धोखा से प्राप्त किए गए दोनों खाली कागजों का उपरोक्त मस्टरोल में मेट की झूठी नियुक्ति अंकित कर ली। जिसमें मेरे साथ धोखाधड़ी व सदोष हनि कार्य हुई है। जिसमें नरेगा के तहत जॉब मांगा गया है की एफएसएल जांच करवाने से सच्चाई का पता चल जाएगा। मैं गरीब व्यक्ति हूं जो न्याय की आस में दर-दर भटकता फिर रहा हूं। बालूराम द्वारा अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर करित किए गए अपराध के कारण मानसिक रूप से काफी परेशानी हुई है। वही इस संबंध में पुलिस थाना खाजूवाला में प्रार्थना पत्र दिया गया था। वही 19 जनवरी 2023 को डीएसपी खाजूवाला को भी प्रार्थना पत्र दिया गया था। वही 28 अप्रैल 2023 को डाक के जरिए पुलिस अधीक्षक बीकानेर को लिखित प्रार्थना पत्र भिजवाया गया। लेकिन कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। जिस पर न्यायालय का सहारा लिया गया। न्यायालय के इस्तगासे से से मुकदमा दर्ज करवाया गया है।