आदेश के बाद अब अपनी ही दुकानों को तोडऩे लगे व्यापारी, खोखा धारी अभी तक अधर झुल में

23 मई को होगी प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही, व्यापारियों में दहशत का माहौल


खाजूवाला, संभागीय आयुक्त बीकानेर नीरज के पवन द्वारा जारी अतिक्रमण हटाने के आदेश के बाद अब खाजूवाला के बाजार में लोगों में दहशत का माहौल है। नगरपालिका द्वारा विज्ञप्ति जारी कर 23 मई से पूर्व अतिक्रमण हटाने का कहा गया था। जिसके बाद अब दुकानदार व खोखा धारी द्वारा अपने-अपने दुकानों के आगे से टीनशैड हटाने व चौकियां तोडऩे का काम शुरू कर दिया है।
नगरपालिका क्षेत्र में 23 मई से अतिक्रमण हटाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। अभियान के तहत पुलिस थाना चौराहा से सिनेमा तक, सब्जी मण्डी, सदर बाजार, सोसायटी रोड़ तथा हॉस्पीटल रोड़ व सब्जी मण्डी से डूडी पेट्रोल पम्प तक सडक़ पर दुकानों को चिह्नित किया गया है। जो अतिक्रमण के दायरे में आते हैं उन्हे हटाया जाएगा। पूरी मण्डी में तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं कि आखिर क्या-क्या पैमाना होगा। नगरपालिका अधिशाषी अधिकारी ने समाचार पत्रों में सूचना प्रकाशित करवा आमजन को समय दे दिया है और 23 मई से अभियान चलेगा वहीं शनिवार का रविवार को मण्डी के काफी व्यापारियों ने अपने हिसाब से अतिक्रमण हटाने का काम किया। दुकानों के आगे से अवैध रुप से बनाये गये शैड तथा चौकियों को व्यापारियों ने स्वत: ही हटाना शुरू कर दिया है।


बाजार से अतिक्रमण हटाकर सौन्दर्यकरण कब होगा, ये तो समय पर निर्भर करता है लेकिन पिछले एक सप्ताह से पूरी मण्डी में पान की दुकान, चाय की थड़ी, चौराहा, सब्जी मण्डी यहां तक कि चहुंओर एक ही चर्चा हो रही है कि वर्षों से मेहनत मजदूरी करके अपना तथा अपने परिवार का पेट पालने वाले खोखा धारकों का आखिर क्या होगा। नगरपालिका के फरमान के बाद अगर 23 मई से पीला पंजा चलता है तो खोखा धरी अपना जीवन यापन कैसे करेंगे, यहीं चिंता प्रत्येक खोखा व्यापारी को सता रही है और चहुंओर एक ही चर्चा सुनने को मिल रही है कि आखिर हम पिछले तीस वर्षों से बैठे हैं, हमें कोई स्थाई जगह तो दी जाये। पुलिस थाना चौराहा, सब्जी मण्डी, सदर बाजार, सोसायटी रोड़, हॉस्पीटल रोड़ आदि स्थानों पर नगरपालिका द्वारा रैड निशान लगाये तो शनिवार और रविवार को कुछ व्यापारियों ने स्वत: ही अपने अतिक्रमण हटाने शुरू कर दिए। लेकिन आखिरी फैसला तो नगरपालिका के हाथ में ही हैं। खोखा हटाने और दुकानों के आगे से अतिक्रमण हटाने के लिए अब कौन सा फैमाना नगरपालिका लागू करती है, उसी के इन्तजार में समस्त व्यापारी अपने लिए किराये की दुकानें तलाशने भी लग गये हैं।

मण्डी समिति ने काटी रसीदें आज हो रही खारिज:-
आज से लगभग लगभग 30 वर्ष पूर्व मण्डी अतिरिक्त कलेक्टर एवं सचिव मण्डी विकास समिति बीकानेर द्वारा दुकानें आवंटन के नाम पर 1997 में 2778 रुपए की रसीदें काटी गई थी। उस समय यह कीमत काफी ज्यादा थी। लेकिन दुकानदारों ने अपने अच्छे भविष्य के लिए यह कीमत अदा की थी। जो आज खारिज सी साबित हो रही है। ये लोग 30 वर्षों से खोखों में बैठकर व्यापार करते हुए अपने परिवार का जीवन यापन कर रहे है।

अतिक्रमण हटाने को लेकर पूर्व में भी चलाए गए थे अभियान:-
खाजूवाला मण्डी में पूर्व में अतिक्रमण हटाने को लेकर अभियान चलाया गया था। पूर्व थानाधिकारी शायर सिंह राठौड़, तत्कालीन प्रशिक्षु आईएएस संदेश नाईक, उपखण्ड अधिकारी मनीष फौजदार, उपखण्ड अधिकारी प्रभजोत सिंह गिल के साथ कई अधिकारियों के समय भी बाजार से अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया गया था। लेकिन इन सब समय में दुकानदारों को हटाने का नहीं बल्की दायरे में रहने का फरमान था। जिसपर दुकानदरों में अमल भी किया था। लेकिन अब सम्भागीय आयुक्त के आदेश के बाद बाजार में लोगों में गहमागहमी है कि इस बार तो दुकानें व खोखों को तोड़ा ही जाएगा। जिसके बाद इन लोगों को कहां जगह मिलेगी। इसकी अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है।

लोगों को मिले पट्टे:-
खाजूवाला की 96 बीघा भूमि पंचायत को मिलने के बाद ग्र्राम पंचायत द्वारा दुकानों के पट्टे कॉमर्सियल के नाम से काटे गए थे। जिसपर लोगों को लगा था कि शायद अब उन्हे अपनी दुकान का असली मालिकाना हक मिला है। लेकिन नगरपालिका द्वारा दुकानों को चिह्नित करने के बाद शायद अब लोगों को लग रहा है कि ये महज कागज का टूकड़ा है। वहीं मण्डी एडीएम द्वारा भी दुकानों के पट्टे काटे गए थे। जिनपर भी अतिक्रमण के नाम पर चिह्निकरण किया गया है।

कब्जों पर बसी खाजूवाला मण्डी:-
खाजूवाला मण्डी यूं तो कब्जों पर बसी हुई है। लेकिन बहुत से सरकारी कार्यालय आज भी अपने निर्धारित स्थानों पर नहीं है। जिसको जहां जगह मिली वो वहां बस गया। ऐसा ही दुकानदारों के साथ भी हुआ है। दुकानदारों ने अपने-अपने हेसियत अनुसार दुकानें बनाई लेकिन मण्डी बसने के 40 वर्ष बाद अब इन्ही दुकानों पर खतरा मण्डरा रहा है।

यहां दी जा सकती है दुकानें:-
खाजूवाला मण्डी में लगभग 200-300 खोखा धारी है। जिनके पास 1997 से मण्डी समिति की रसीदें है। वहीं इसके अलावा भी सैकड़ों खोखे है जिनमें व्यापार कर अपने व अपने परिवार का भरण पोषण लोग कर रहे है। इन्हे हटाने के अब फरमान जारी हो गए है तो सबसे बड़ा सवाल यह उठाता है कि ये कहा जाएंगे। अगर इन्हे आरसीपी कॉलोनी, रोड़वेज बस स्टेण्ड, राजीव गाँधी सेवा केन्द्र के पास, पशु चिकित्सालय, पीएचईडी, पीडब्ल्यूडी कार्यालय परिसर के अन्दर खाली पड़ी जगह में बसाया जाए तो यहां नगरपालिका 1 हजार से अधिक दुकानें बनाकर इन्हे बसा सकती है।

केबिनेट मंत्री मेघवाल से मिले व्यापारी:-
रविवार को केबिनेट मंत्री गोविन्दराम मेघवाल खाजूवाला के दौरे पर थे। इस दौरान उनसे व्यापारियों के शिष्ट मण्डल ने बात की। तो उन्होंने आश्वासन दिया कि उन्हे निर्धारित स्थान दिलवाया जाएगा। वहीं जिन दुकानों पर चिह्निकरण किया गया है, उनमें नुकसान ना हो ऐसा प्रयास किया जाएगा।