R.खबर ब्यूरो। जयपुर, RGHS के तहत अस्पतालों के एंपैनलमेंट के लिए नई नीति और प्रक्रिया जारी की है। इसके तहत एंपैनलमेंट की पूरी प्रक्रिया को व्यवस्थित करने की कोशिश की गई है। हालांकि मौजूदा व्यवस्था में मेडिकल स्टोर के पुनर्भरण से लेकर मरीजों की परेशानियों को लेकर काफी समस्याओं का समाधान अभी बाकी है।
जानकारी के अनुसार राजस्थान गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम-RGHS में अस्पतालों और जांच सेंटर्स के एंपैनलमेंट के लिए न सिर्फ प्रक्रिया बनाई गई है बल्कि प्रक्रिया के हर स्तर को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश देकर सिस्टम को जवाबदेह बनाने की भी कोशिश की गई है।
एंपैनलमेंट के लिए पोर्टल पर दस्तावेजों, शपथ पत्रों, प्रमाण पत्रों को संलग्न करके ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
RGHS प्रोजेक्ट निदेशक को आवेदन फीस व आवेदन की स्क्रूटनी 3 दिनों में करना जरूरी। प्रोजेक्ट निदेशक स्क्रूटनी करके सीएमएचओ को प्रस्ताव स्वीकार या निरस्त करने की अनुशंसा 15 दिनों में करेंगे।
प्रोजेक्ट निदेशक स्पष्ट अनुशंसा या सिफारिश के साथ इंस्पेक्शन रिपोर्ट मिली या नहीं, यह सुनिश्चित करके सीईओ स्टेट हैल्थ इंश्योरेंस एजेंसी को 2 दिनों में और सीईओ अपनी टिप्पणी के साथ इसे अगले दो दिनों में संयुक्त सचिव वित्त नियम द्वितीय को भेजेंगे।
संयुक्त सचिव आरजीएचएस पोर्टल पर अपनी टिप्पणी के साथ इसे वित्त सचिव बजट को अगले तीन दिनों में और वित्त सचिव बजट उसके अगले 3 दिनों में प्रस्ताव को स्वीकृत या निरस्त कर देंगे।
अगले 3 दिनों में वित्त सचिव बजट की ओर से स्वीकृति संबंधित अस्पताल को भेज दी जाएगी।
पूर्व के 50 जिलों के हिसाब से केन्द्र के नॉन NABH या नॉन CGHS अस्पतालों का वर्गीकरण तय किया था जो कि अब क्षेत्रवार 41 जिलों के लिए संशोधित कर दिया गया है। उधर आरजीएचएस के तहत फार्मा स्टोर्स को पंजीकृत मरीजों को दवाइयों के बदले राशि का पुनर्भरण जुलाई बाद से अटका हुआ है।
उधर मरीजों की परेशानी के मद्देनजर 17 जनवरी को सरकार ने गंभीर और 75 साल से अधिक आयु के मरीजों के लिए लाइव फोटो की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। बैड रिडन और 75 साल के मरीजों को आकर लाइव फोटो की प्रक्रिया करने में अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।