राजस्थान: गांव में पहरा देती रही पुलिस, परिजनों ने खेतों में करवा दिया बाल विवाह, 1 नहीं..5 बालिका बनीं वधू, जानें पूरा मामला

राजस्थान: गांव में पहरा देती रही पुलिस, परिजनों ने खेतों में करवा दिया बाल विवाह, 1 नहीं..5 बालिका बनीं वधू, जानें पूरा मामला

R.खबर ब्यूरो। राजस्थान के भीलवाड़ा जिले से बड़ी खबर सामने आई है, यंहा कोटडी गांव में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां पुलिस की सख्ती के बावजूद 5 बालिकाओं का विवाह करवा दिया गया। मिली जानकारी के अनुसार परिजनों ने चोरी-छिपे खेत में इन शादियों को अंजाम दिया। बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासन और पुलिस ने कड़े इंतजाम किए थे, लेकिन परिजनों ने इन शादियों को खेत में करवा दिया। 28 अप्रैल को सदर थाना क्षेत्र में एक साथ 5 बेटियों की शादियां हुईं। शादी के बाद जब परिजन 5 नन्हें दूल्हे-दुल्हन को लेकर कोटडी के प्रसिद्ध मंदिर पर धोक लगाने पहुंचे, तो पुलिस को इसकी भनक लगी। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक परिजन सभी 10 बच्चों को लेकर वहां से रवाना हो गए थे।

कोटडी SHO ने दर्ज कराया मामला:-

अब कोटडी थाना पुलिस ने गोपाल पुत्र भैंरू गाडरी सहित अन्य के खिलाफ केस दर्ज करवाया है। पुलिस का कहना है कि नाबालिग लड़कियों में से 4 गोपाल की बेटियां और एक भांजी थी। मामले की जांच कर रहे सदर थाने के हेड कांस्टेबल जय प्रकाश शर्मा ने बताया कि यह शिकायत कोटडी थाना प्रभारी महावीर प्रसाद ने दर्ज कराई है। इसमें नाबालिग जोड़े की धोक लगाने का जिक्र है। कोटडी पुलिस से मिली रिपोर्ट और शुरुआती जांच के बाद सामने आया है कि सभी पांच जोड़े गोकलपुरा गांव के हैं। मामले की जांच की जा रही है। शर्मा का कहना है कि बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता फैलाना जरूरी है। प्रशासन और सामाजिक संगठनों को मिलकर इस मुद्दे पर काम करना होगा ताकि बाल विवाह जैसी कुरीति को रोका जा सके।

अबूझ सावे के लगाया था पुलिस पहरा:-

पुलिस ने बताया कि बाल विवाह रोकने के लिए अबूझ सावे (ऐसा दिन जब बिना मुहूर्त पूछे शादी होती है) के आसपास प्रशासन ने खूब सख्ती की थी। सामाजिक संगठनों व एनजीओ ने जागरूकता अभियान चलाया था। गांवों की संभावित जगहों पर पहरा भी लगाया गया था, लेकिन इतना सब करने के बावजूद बाल विवाह करने वालों ने खेतों में शादियां निपटा दीं।