खाजूवाला, खाजूवाला के 145 आरडी पर किसानों का धरना 7 वें दिन भी जारी रहा। वहीं यहां दूसरे दिन पाँच किसान भुख-हड़ताल पर रहे। गुरुवार को किसानो से वार्ता करने के लिए प्रशिक्षु आरएएस दिव्या बिश्नोई, तहसीलदार कमलेश सिंह मेहरिया, अधिशासी अभियन्ता नीतीश नागर व सहायक अभियन्ता गोविंदराम धरनास्थल पहुंचे। यहां अधिकारियों ने किसानों की समस्याएं सुनी और आश्वासन दिया। लेकिन किसान नहीं माने। इसी के साथ वार्ता विफल रही।

किसान शिवदत्त सिग्गड़ व रामकुमार गोदारा ने बताया कि खाजूवाला के केवाईडी नहर की 145 आरडी पर किसानों का धरना 7 वें दिन भी जारी रहा। किसानों को वरियता क्रम के अनुसार पूरा पानी नहीं मिल रहा है। किसानों से मिलने आए अधिकारियों के सामने किसानों ने मांग रखी कि खाजूवाला के केवाईडी नहर का पूर्ण निर्माण होने के बावजूद भी नहर के अन्तिम छोर पर वरीयताक्रम में पूरा पानी नहीं मिल रहा है। उच्चाधिकारियों की उदासीनता तथा राजनीति दबाव के कारण केवाईडी नहर के इन माईनरों पीएचएम, पीडब्ल्यूएम, केवाईएम, सिसाड़ा-1 व 2 व चक 27 केवाईडी बी आदि के क्रष्टों को आज तक सही नहीं किया गया है। वहीं कई मोघे तो ज्यादा पानी ले रहे है। जिसके कारण अन्तिम छोर पर बैठे किसानों को पानी नहीं मिल रहा है। और नहर में अब पानी आया है इसके बाद पानी भी नहीं आएगा।
अगर किसानों की मांगे पूरी नहीं हुई तो अन्तिम छोर पर बैठे किसानों के खेतों में खड़ी फसल खराब हो जाएगी। इसलिए माईनरों व मोघों को पी-फार्म के अनुसार सही किया जावे। वहीं केवाईडी नहर के 30 केवाईडी के मोघों को अधीक्षण अभियन्ता की स्वीकृति व कमेटी नियुक्त होने के बावजूद सही नहीं किया गया है। उसे भी सही किया जावे। जिसपर अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि जल्द ही कमेटी द्वारा सभी मोघों की जाँच करवा दी जाएगी। लेकिन किसान इस बात पर सहमत नहीं हुए और कहा कि अब नहर में पानी चल रहा है यह पानी इस वरियताक्रम का अन्तिम पानी है। अगर अभी इसे सही नहीं किया गया तो किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। गुरुवार को धरने के 7 वें दिन सैकड़ों की संख्या में किसान व महिलाएं उपस्थित रहे। वहीं पाँच किसान भुख हड़ताल पर रहे।