किसानों ने कहा : धरातल की रिपोर्ट सीधी राजस्थान सरकार में मुख्य सचिव सुधांश पंत को भेजी जाएगी
खाजूवाला, एक तरफ आईजीएनपी के प्रथम चरण में सिंचाई पानी के लिए आग सुलगती हुई नजर आ रही है। खाजूवाला, रावला, घड़साना, अनूपगढ़, पूगल में किसानों का संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में सिंचाई पानी की मांग को लेकर आंदोलन चल रहा है। दूसरी तरफ सरकार ने किसान आंदोलन के मामले पर गंभीरता दिखाते हुए सिंचाई विभाग अधिकारियों व प्रशासन के साथ किसानों का एक डेलिगेशन धरातल की स्थिति जानने के लिए पंजाब के हरीके बैराज भेजा। क्षेत्र के अलग-अलग किसान प्रतिनिधियों का दल शुक्रवार को हनुमानगढ़ चीफ कार्यालय से सुबह रवाना हुआ तथा नहरों का जायजा लेते हुए पानी की पुख्ता रिपोर्ट भी ली। इसी डेलिगेशन की रिपोर्ट के बाद ही सिंचाई पानी का फार्मूला तय होगा।

मुख्य सचिव सुधांश पंत द्वारा उच्च स्तरीय बैठक के बाद डेलिगेशन रवाना किया गया। चीफ इंजीनियर प्रदीप रस्तोगी, अधीक्षण अभियंता मनोज कुमार, पदमपुर एसडीएम अजीत गोदारा, गंगानगर सीओ रमेश माचरा, अधिशाषी अभियंता निरंजनलाल मीणा, सुरेश सुथार, नीतीश नागर भी डेलिगेशन में किसानों के साथ पहुंचे। डेलिगेशन ने फरीदकोट के नजदीक राजस्थान कैनाल की 188 आरडी पर पानी का जायजा लिया। जो कि कुछ जगहों पर डैमेज है। राजस्थान कैनाल की 133 आरडी से 188 तक निर्माण कार्य होना बाकी है। साथ लगती पंजाब सरहिंद फीडर 133 पर निर्माण कार्य चल रहा है। 28 फरवरी तक सरहिंद फीडर क्लोजर के दौरान 119 आरडी से 154 आरडी तक का पूरा निर्माण कार्य किया जाएगा। फिरजपुर अधिशासी अभियंता रमनदीप ने कहा कि पेयजल के अलावा और पानी की मात्रा छोड़ने पर सरहिंद फीडर में लीकेज होता है जिसके चलते निर्माण कार्य प्रभावित हो रहा है।

किसान नेता महेंद्र तरड़ ने कहा कि पंजाब सिंचाई अधिकारियों की बेइमानी साफ झलक रही है। राजस्थान कैनाल में और पानी छोड़ने में पंजाब के सिंचाई विभाग रोड़ा अटका रहे हैं। मौके पर ही सीपेज का हवाला देकर पंजाब के अधिकारी आनाकानी करते हुए नजर आए। किसानों को हरिके बैराज पर भी पानी के बारे में स्थिति से अवगत करवाया गया हरिके बैराज से इंदिरा गांधी नहर परियोजना में 4095 क्यूसेक पानी चल रहा है। फिलहाल पानी होने के बावजूद भी पानी देने में सिंचाई विभाग द्वारा आनाकानी की जा रही है। डेलिगेशन में गए किसान भी ऐसे में काफी आक्रोशित नजर आए।

किसान नेता महेंद्र तरड़ प्रशांत सियाग, सुरेंद्र डेलू, मांगीलाल मेघवाल, जगदीश भादू, शैलेंद्र झोरड़ ने कहा कि धरातल की रिपोर्ट सीधी राजस्थान सरकार में मुख्य सचिव सुधांश पंत को भेजी जाएगी। किसानों को इस बात को लेकर उम्मीद भी है कि सरकार तक यह बात पहुंचाने के बाद किसानों को अतिरिक्त पानी देकर खेतों में जल रही फसल को बचाया जाएगा। सिंचाई विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा अड़ियल रवैया के चलते फिलहाल 1000 क्यूसेक पानी की मात्रा बढ़ाना भी विभाग के लिए नामुमकिन नजर आ रहा है। किसानों के आंदोलन को देखते हुए चीफ इंजीनियर जयपुर अमरजीत मेहरड़ा भी अनूपगढ़ पहुंचे और किसानों की नब्ज टटोलत हुए नजर आए।