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हनुमानगढ़, फसल खराबे की विशेष गिरदावरी की बात को लेकर बीजेपी विधायक और तहसीलदार में विवाद हो गया। इस दौरान दोनों में हाथापाई हो गई। जब दोनों में तू-तू मैं-मैं होने लगी तो बैठक में अन्य सदस्यों ने बीच-बचाव कर दोनों को अलग किया। विवाद बढ़ता देख लोगों ने तहसीलदार को बाहर जाने की सलाह दी, जिसके बाद वो बाहर चले गए। मामला हनुमानगढ़ जिले के संगरिया का शनिवार का है।
जानकारी के अनुसार संगरिया क्षेत्र में बरसात, ओलावृष्टि और अंधड़ से किसानों की फसल को नुकसान पहुंचा है। शनिवार को पंचायत समिति ऑफिस में राजीव गांधी जल संरक्षण योजना के अंतर्गत परियोजनाओं की तैयारी की डीपीआर के अनुमोदन को लेकर बैठक हुई। बैठक में किसानों के फसल खराबे को लेकर चर्चा चल रही थी। इस दौरान संगरिया विधायक गुरदीप शाहपीनी ने फसल खराबे की स्पेशल गिरदावरी की मांग की। इस दौरान दोनों में विवाद हो गया।
MLA ने तहसीलदार विश्व प्रकाश चारण को बाहर जाने के लिए कहा तो तहसीलदार ने कहा कि मैं क्यों जाऊं, आप जाइए। इस पर विधायक ने कहा कि क्या बोल रहे हैं, थप्पड़ मारूंगा। तहसीलदार ने कहा कि तेरे लगेगी। इसके बाद दोनों में हाथापाई की नौबत आ गई।
एसडीएम रमेश देव, विकास अधिकारी पवन सुथार और अन्य जनप्रतिनिधियों ने बीच बचाव किया। इस दौरान पंचायत समिति सदस्य विक्रम कलहरी ने फर्श पर बैठकर तहसीलदार के खिलाफ नारे लगाए। कलहरी और तहसीलदार के बीच भी बहस हुई। आखिरकार तहसीलदार को मौके से जाना पड़ा, जिसके बाद मामला शांत हुआ।


विशेष गिरदावरी की बात पर उखड़े तहसीलदार:-
विधायक गुरदीप शाहपीनी ने बताया कि शनिवार को आरजीएसवाई की बैठक थी, जिनमें ग्राम पंचायतों के कामों का अनुमोदन करना था। इसके बाद ओलावृष्टि से जो नुकसान हुआ है, उस पर चर्चा हुई। चर्चा करते-करते तहसीलदार उखड़ गए और मेरे साथ दुर्व्यवहार किया। पंचायत समिति सदस्यों से तहसीलदार की चर्चा चल रही थी तो मैंने भी बीच में पूछ लिया कि फसल खराबे की इकाई किसको मानेंगे। वो इस बात को स्पष्ट नहीं बता पाए।
हम इतना ही कह रहे थे कि नरमा, बाग और अन्य फसल का नुकसान हुआ है, वो सभी विशेष गिरदावरी में शामिल करें। मैंने कहा था कि बिजाई अभी 25 प्रतिशत ही हुई है, उसको आप शत प्रतिशत बता रहे हो, जिससे किसानों को क्लेम नहीं मिल पाएगा।
इसी बात को लेकर तहसीलदार उखड़ गए और धमकियां देने लग गया। तहसीलदार बदतमीजी से भी पेश आए, जिसको लेकर पंचायत समिति सदस्यों, प्रधान, सरपंचों ने निंदा प्रस्ताव पास किया है। सोमवार को भाजपा की बैठक भी है, जिसमें हम चर्चा करेंगे कि तहसीलदार को जब तक एपीओ नहीं किया जाएगा, हम इसको ऑफिस में बैठने नहीं देंगे। विधायक ने कहा कि इस व्यवहार के कारण तहसीलदार को गांवों में चल रहे किसी भी शिविर में घुसने नहीं देंगे।


सर्वे में हमने खराबा बताया, विधायक बोले- खराबा नहीं हुआ:-
तहसीलदार विश्व प्रकाश चारण ने बताया कि अभी हाल ही में क्षेत्र में हुई ओलावृष्टि के बाद कलेक्टर के आदेश थे कि आपके क्षेत्र में हुए नुकसान का आकलन करके रिपोर्ट दें। हमने सर्वे करके रिपोर्ट तैयार कर ली, जिसमें खराबा होना दिखाया है। विधायक ने कहा कि खराबा हुआ नहीं तो आपने कैसे दिखा दिया। मैंने कहा कि सर खराबा बिल्कुल हुआ है, खेतों में घुटनों तक पानी हो गया, जिससे खराबा हुआ है।
तहसीलदार ने कहा कि विधायक ने बताया कि बिजाई 25 प्रतिशत ही हुई है, मैंने बताया कि नहीं, 70 प्रतिशत हो चुकी है। नरमा की बिजाई किसान कर चुका था। विधायक ने आरोप लगाया कि आपने गलत रिपोर्ट बनाई है। इतना नुकसान हुआ ही नहीं है तो मैंने उनकी बात को काटा था कि खराबा हुआ है। उनका कहना था कि खराबा नहीं हुआ है। इस दौरान उन्होंने मुझे थप्पड़ मारने की बात कही और बोले कि बाहर जाओ।
मैंने भी कह दिया कि मैं क्यों बाहर जाऊं मैंने क्या गलत किया। तहसीलदार चारण ने बताया कि दरअसल बैठक पंचायतों में हुए विकास कामों को लेकर थी। फसल खराबा का एजेंडा बैठक में नहीं था। मुझे नहीं पता कि ये एजेंडा क्यों रखा गया?
तहसीलदार ऑफिस का करेंगे घेराव
पंचायत समिति सदस्य विक्रम सिंह कलहरी, सरपंच सुरेद्र जाखड़, गुरसाहिब सिंह ने कहा कि तहसीलदार के खिलाफ और ओलावृष्टि मुआवजे को लेकर सोमवार सुबह 10 बजे सभी किसान और जनप्रतिनिधि एसडीएम ऑफिस का घेराव करेंगे। तहसीलदार विश्वप्रकाश चारण को सस्पेंड करवाने की मांग करेंगे। तहसीलदार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी तो आगे रणनीति बनाई जाएगी।