कालूवाला माईनर में आया 10-15 फूट का कटाव, कॉलोनी के घरों में घुसा पानी

खाजूवाला, केवाईडी नहर से निकलने वाला कालूवाला माइनर शनिवार सुबह ओवरफ्लो होने के कारण टूट गया। माईनर में सिल्ट जमा होने के चलते माइनर ओवरफ्लो हो गया। शनिवार सुबह 4 बजे माइनर में 10 से 15 फीट का कटाव आ गया। 61 हैड से निकलते ही कालूवाला माइनर टूटने की सूचना जब किसानों को मिली तो मौके पर किसान ट्रैक्टर के जरिए 61 हैड पहुंचे। पानी का तेज बहाव होने के कारण पास में ही सिंचाई कॉलोनी के घरों में पानी घुस गया। किसानों ने इसकी सूचना सिंचाई विभाग अधिकारियों को दी। सिंचाई विभाग के कनिष्ठ व सहायक अभियंता मौके पर पहुंचे। हालांकि विभाग के द्वारा नहर बान्धने में हो रही देरी के चलते किसानों ने अपने स्तर पर ही नहर को बान्धने का कार्य शुरू किया। पानी के तेज बहाव के चलते किसानों को नहर बान्धने में दिक्कत हो रही थी। ऐसे में कालूवाला माईनर को एक बार पूर्णतया बंद कर नहर को दुरुस्त किया गया। मौके पर पहुंचे किसानों ने ट्रैक्टर व लोडर लगाकर करीब 4 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद नहर को दुरुस्त किया गया। एक बार अस्थाई कट बांधकर 4 घंटे के बाद क्षमतानुसार 18 क्यूसेक पानी पूर्ण रूप से शुरू कर दिया गया। नहर दुरुस्त होने के बाद सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता रजनीश चैतन्य मौके पर पहुंचे व नहर का जायजा लिया। तुरंत बाद खाजूवाला एसडीएम प्रभजोत सिंह गिल भी नहर टूटने की सूचना पर मौके पर पहुंचे व सिंचाई विभाग अधिकारियों को भी नहर के कट की पक्की लाइनिंग करने के आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। उन्होंने नहर का निरीक्षण करते हुए कहा कि जल्द ही इसकी लाइनिंग पक्की कर पानी चलाया जाए। ताकि आगामी समय में किसानों को नुकसान ना झेलना पड़े। मौके पर पहुंचे जल संगम अध्यक्ष थानसिंह भाटी ने कहा कि नहर के टूटने से अनेक किसानों की बारियां पिट गई है ऐसे में उन्हें उनके नुकसान की भी भरपाई करवाई जाए।

नहर टूटने से पास में स्थित सिंचाई कॉलोनी में घुसा पानी
सुबह 4 बजे ठिठुरती ठंड में सब अपने घरों में सो रहे थे। जब 6 बजे तब बाहर देखा तो चारों ओर पानी ही पानी नजर आ रहा था। यह दृश्य 61 हैड के पास सिंचाई कॉलोनी का है। जहां पर नहर टूटने से सिंचाई कॉलोनी में स्थित घरों में पानी घुस गया। जिससे अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। परिवार के सदस्यों ने अपने स्तर पर पानी को बाहर निकालने का काम शुरू किया। अगर किसान समय पर नहीं पहुंचते और नहर को बांधने का कार्य समय पर शुरू नही होता और निश्चित रूप से यह कॉलोनी पूरी तरह पानी से घिर जाती।