खाजूवाला, खाजूवाला गोपाल गौ-सेवा संस्थान ने मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन राजस्व तहसीलदार को सौंपकर 12 मांगे रखी है।
अध्यक्ष शंकरलाल पारीक ने बताया कि ज्ञापन में अवगत करवाया कि राजस्थान सरकार द्वारा गौ-संरक्षण एवं संवर्धन अधिनियम 2016 में एवं राजस्थान स्टाम्प अधिनियम 1998 की धारा 3 ख के अधीन संग्रहीत अधिभार से प्राप्त राशि जो कि गोमाता और उसकी नस्ल के संरक्षण और संवर्धन के प्रयोजन के लिए ही उपयोग की जाएगी। इस संशोधन को निरस्त किया जाए। एक वित्तीय वर्ष में 180 दिनों की दी जा रही अनुदान राशि को 365 दिन किया जाए। प्रदेश में संचालित सभी गो-शालाओं को बिना किसी शर्त के अनुदान दिया जाए। 200 गोवंश एक ही साल की अनिवार्यता के नियम को समाप्त किया जाए। गौ-शालाओं को दी जाने वाली अनुदान राशि के भुगतान नियमों का सरलीकरण किया जाए। राज्य में गौ-शालाओं को अनुदान देने हेतु बनी हुई राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय समितियों में गो-शालाओं के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए। राज्य द्वारा 10 मार्च 2018 में राजस्थान गोवंशीय पशु अधिनियम 1995 के उपबंदो का जो संशोधन प्रस्ताव पारित हुआ था उन कानून को सरकार तुरन्त लागू करे।
संस्थान ने इस प्रकार की 12 मांगों का ज्ञापन राजस्व तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजकर मांगे पूरी करने की मांग की है। इस मौके पर रघुवीर सिंह ताखर, शंकरलाल पारीक, राजकुमार ठोलिया, फूलदास स्वामी, कष्ण, लक्ष्मीनारायण सारस्वत व शिवकुमार मारू तथा ज्ञान सिंह आदि उपस्थित रहे।
गो-पालकों ने मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन, 12 सुत्रीय मांग पूरी करने करे सरकार
