सीमावर्ती क्षेत्र के गोवंश में फैल रही लंपी स्किन डिजीज

खाजूवाला क्षेत्र में बड़ी संख्या में पशु आ रहे चपेट में, पशुपालक चिंतित

खाजूवाला, खाजूवाला क्षेत्र में पिछले कई दिनों से गोवंश में त्वचा रोग फैल रहा है। यह एक वायरल बीमारी है। पशुओं के लगातार अस्वस्थ रहने से यह बीमारी मौत का कारण बनती जा रही है। इस बीमारी ने खाजूवाला क्षेत्र को चपेट में ले लिया है। पशु चिकित्सकों की मानें तो इसकी मृत्यु दर कम है लेकिन पशुओं को रिकवर होने में करीब एक महीने से अधिक का समय लग जाता है। लंपी स्किन डिजीज नामक यह बीमारी दुधारू पशुओं को अपना शिकार बना रही है। इस बीमारी से पशुओं के शरीर पर गांठें हो जाती है और पशु दूध देना बंद कर देता है। बीमारी से पूर्व पशुओं को पहले बुखार आता है और खाना पीना बंद कर देते हैं। पशु के शरीर पर गोलाकार आकृति के छल्ले हो जाते हैं। इसकी रोकथाम के लिए पुख्ता जानकारी डॉक्टरों द्वारा नहीं दी जा रही है, जिससे पशुपालकों में चिंता भी बढ़ रही है।

पशुपालकों में रोष:-
पशुओं में फैल रहा यह वायरस लगातार मौत का कारण बनता जा रहा है। क्षेत्र में इस बीमारी से अब तक बड़ी संख्या में गोवंश की मौत हो चुकी है। पशु अस्पताल स्टाफ के साथ स्थानीय प्रशासन भी ध्यान नहीं दे रहा है जिससे पशुपालकों में रोष व्याप्त है। पशुपालकों के अनुसार प्रशासन को इस आपातकालीन स्थिति में पशु अस्पताल में दवा व सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए।

स्टाफ की कमी:-
खाजूवाला पशु चिकित्सालय में वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. हनुमानाराम चौधरी व 25 केवाईडी में चिकित्सक डॉ रवि है। इनके अलावा पशु चिकित्सालय केंद्रों पर डॉक्टरों की कमी है। साथ ही इस बीमारी की पुख्ता जानकारी का अभाव के चलते यह बीमारी लगातार फैल रही है।

पिछले दो महीने से अधिक समय से पशुओं में घातक बीमारी फैल चुकी है। विभाग द्वारा इस बीमारी से निपटने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं। पशु चिकित्सालय में इस बीमारी से संबंधित इंजेक्शन भी उपलब्ध नहीं करवाएं जा रहे हैं। जबकि बुखार व अन्य प्रकार की दवा भी अस्पताल में उपलब्ध नहीं है। पशुपालकों को सही समय पर जानकारी नहीं मिलने के चलते यह बीमारी लगातार क्षेत्र में पैर पसार रही है।

नि:शुल्क दवा उपलब्ध करवाएं:-
पशुपालक सुरेंद्र बिश्नोई ने बताया कि उसके पास 20 से ज्यादा गायें हैं ओर सभी गायें इस बीमारी की चपेट में हैं। डॉक्टरों को मौके पर बुलाकर इलाज भी करवा रहे हैं। बीमारी से पशुओं में बुखार आता है और हरा चारा भी पशु नहीं खा रहा है, जिससे दूध की मात्रा भी कम हो गई है। उन्होंने मांग है कि पशु चिकित्सालय में इस बीमारी की दवा निशुल्क उपलब्ध करवाई जाए। क्षेत्र के अस्पताल में डॉक्टरों की संख्या भी बढ़ाई जाए। ताकि इलाज हो सके।

इनका कहना है:-
खाजूवाला क्षेत्र में लंपी स्किन डिजीज वायरल डिजीज दो माह से फैल रहा है। यह मुख्यत: गोवंश में पाया जाता है। यह वायरल रोग है। इससे पशु के शरीर में गांठें हो जाती है। इसमें मृत्युदर एक प्रतिशत है। उपचार किया जा रहा है। जहां से सूचना मिलती है। वहां जाकर पशु का इलाज किया जा रहा है।

डॉ हनुमानाराम चौधरी, पशु चिकित्सक खाजूवाला।