अब मंडी वासियो को नगरपालिका से आस
खाजूवाला, मण्डी में गन्दे पानी और बरसाती पानी के लिए कोई योजना आज तक नहीं बनी, ऐसे में लगता है कि शायद खाजूवाला का कोई धणी-धोरी नहीं है अन्यथा इस ज्वलंत समस्या का समाधान होता और मण्डी की ऐसी दुर्दशा ना होती।
नालियों का गन्दा पानी हो या फिर बरसात का पानी, इसके लिए निकासी की कोई पुख्ता व्यवस्था न होने के कारण मण्डीवासियों को आये दिन परेशान होना पड़ता है। बरसात थोड़ी आती है तो नालियों का गन्दा पानी सड़कों पर पसरता रहता है जिससे सड़कों पर पैदल चलना दूभर हो जाता है वहीं तेज बरसात आती है तो सड़कों पर कई दिनों तक पानी नहीं सूखता।
भगतसिंह चौक से लेकर सब्जी मण्डी तथा रोड़वेज बस स्टैण्ड तक अक्सर बरसात के दिनों में गन्दगी से दलदल बन जाती है वहीं नालियों का गन्दा पानी और प्लास्टिक की थैलियों से आमजन का बुरा हाल होता है। मीणा मार्केट, टैªक्टर मार्केट तथा हॉस्पीटल से पावली रोड पर बरसात के दिनों में अक्सर सूरसागर बना रहता है। विशेष कर पुरानी मण्डी का सारा गन्दा और बरसाती पानी हॉस्पीटल से पावली रोड़ तथा गणेश मंदिर के पास ही एकत्रित होता है। मौहल्लेवासियों के घर अक्सर बरसाती पानी से लबालब भर जाते हैं जिससे मकानों की नींव में पानी जमा हो जाता है और मकानों में दरारें आती हैं। मण्डी की ज्वलंत समस्या से शायद किसी को कोई सरोकार नहीं है अन्यथा जनप्रतिनिधि और अधिकारी इस ओर गौर करते। हालात ऐसे हैं कि हॉस्पीटल से पावली रोड़ तक सड़क बरसाती पानी से पिछले लगभग 20 दिनों से लबालब भरी हुई है। वाहन चालक परेशान हैं, पैदल चलने वाले परेशान हैं, मोटरसाईकिल चालक परेशान हैं लेकिन प्रशासन को कोई लेना-देना नहीं है, जनप्रतिनिधियों को कोई लेना-देना नहीं है इससे स्पष्ट जाहिर होता है कि शायद खाजूवाला का कोई धणी-धोरी नहीं है अन्यथा मण्डी की ऐसी दुर्दशा ना होती।
पावली रोड़ के किनारे दुकानदारों की दुकान पर गन्दे पानी की वजह से कोई ग्राहकी नहीं है। वाहन निकलने पर गन्दा पानी दुकानों में घुसता है या फिर राह चलते लोगों के उपर गन्दगी के छींटे पड़ते हैं। इस रोड पर पानी कोई आज या एक-दो माह में एकत्रित नहीं हुआ बल्कि वर्षों से यहां बरसाती पानी अक्सर जमा होता रहा है लेकिन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने आज तक कोई योजना नहीं बनाई और ना ही मण्डी के भविष्य के लिए कभी सोचा। चुनाव आते हैं और वोट मांगने वाले लोक-लुभावने वायदे कर जनता को मूर्ख बनाकर वोट ले लेते हैं और जीतने के बाद पांच साल तक राज करते हैं वहीं मण्डी की जनता अपने आप को ठगा सा महसूस करती है। खाजूवाला को ग्राम पंचायत से नगरपालिका बनाया गया। अब सब लोगो को नगरपालिका पर ही आस टिकी है।