बीकानेर, कृषिं भूमि की जमाबंदी व पासबुक के बदले रिश्वत मांगने वाले पटवारी को दस साल पुराने मामले में दो साल की सजा सुनाई गई है। यह सजा भ्रष्टाचार निरोधक न्यायालय के पीठासीन अधिकारी पृथ्वीपाल सिंह ने शनिवार को सुनाई। पटवारी पर दो हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। अर्थदंड जमा नहीं कराने पर अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। एसीबी कोर्ट के सहायक निदेशक अभियोजन (एडीपी) शरदकुमार ओझा के मुताबिक न्यायाधीश ने अभियुक्त उपनिवेशन तहसील कोलायत के हल्का छीला- बी के पटवारी कानाराम पुत्र श्रवणलाल उर्फ रामजीलाल मीणा को रिश्वत लेने का दोषी मानते हुए दो साल की सजा से दंडित किया है। आरोपी पटवारी के खिलाफ न्यायालय में 12 गवाहों के बयान करवाए गए, वहीं 37 दस्तावेज प्रदर्शित किए गए।
यह है मामला : वादी लिखमाराम ने 16 अप्रेल-2012 को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो बीकानेर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को परिवाद दिया। इसने बताया कि उसकी माता मीरा पत्नी हमीराराम के नाम से दो सीडी में 22 बीघा आठ बिस्वा कृषि भूमि खरीद की थी। कृषि भूमि का इंतकाल हो चुका है। खेत में फव्वारे लगाने के लिए लोन लेना चाहते हैं। उसके लिए जमाबंदी व पासबुक लेने के लिए पटवारी कानाराम से मिला। पटवारी ने दस हजार रुपए रिश्वत की मांग की। इस पर एसीबी ने पटवारी को ट्रैप करने की रणनीति बनाई। 22 अप्रेल-2012 को ट्रैप में आरोपी को 3500 रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथो पकड़ा।