बीकानेर, शहर की आंखों पर नजर का चश्मा चढ़ा है। पास का दिखाई दे रहा है, न दूर का। धुंधलेपन के कारण तस्वीर साफ नजर नहीं आती।
इसका फायदा चोर-उचक्कों व लुटेरों को मिल रहा है। सरकार व पुलिस ने जिले में निगरानी रखने के लिए 547 सीसीटीवी कैमरे शहर के मुख्य मार्गों, बाजार व राजमार्गों पर लगवाए हैं।
सीसीटीवी कैमरों पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए हैं लेकिन इन कैमरों का पुलिस को 30 फीसदी ही फायदा मिल रहा है। 70 फीसदी मामलों में पुलिस के हाथ कुछ नहीं लग रहा। गौरतलब है कि करीब ढाई सौ सीसीटीवी कैमरे और लगाने की योजना पर भी काम चल रहा है।
बदमाशों को पकड़ने में सहायता की उम्मीद में लगाए गए सीसीटीवी कैमरे ही दिक्कत की भी बड़ी वजह साबित हो रहे हैं। कई जगह पर सीसीटीवी कैमरे तो हैं लेकिन उनकी लोकेशन सही नहीं है। कई जगहों पर इन कैमरों के लेंस कमजोर हैं। कैमरों की दिशा सही नहीं होने से फुटेज साफ नहीं आते, जिससे बदमाश पुलिस की पकड़ में आने से बच जाते हैं।
जयनारायण व्यास कॉलोनी थाना क्षेत्र से करीब आठ माह पहले होटल के आगे खड़ी एक लग्जरी कार चोरी हो गई। चोर कार को ले गए। चारों की करतूत सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई लेकिन रात्रि का समय होने के कारण सीसीटीवी फुटेज में कार चुराने वाले बदमाशों के चेहरे स्पष्ट नहीं हो पाए, जिससे उनका कोई पता नहीं चल सका।
नयाशहर थाना क्षेत्र के जस्सूसर गेट से रमेश की बाइक चोरी हुई। चोरों की लोकेशन पूगल रोड की तरफ आई। पुलिस रोड पर ट्रैफिक पॉइंट के पास लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया। बाइक ले जाते दो युवक नजर आए लेकिन यहां लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज में तस्वीर धुंधली आई, जिससे पहचान में दिक्कत आ रही है।