राजस्थान: आखिर कब से मिलेगी 150 यूनिट फ्री बिजली की सौगात ? बिजली उपभोक्ताओं में योजना के क्रियान्वयन को लेकर बढ़ती उत्सुकता, जानें पूरी खबर

राजस्थान: आखिर कब से मिलेगी 150 यूनिट फ्री बिजली की सौगात ? बिजली उपभोक्ताओं में योजना के क्रियान्वयन को लेकर बढ़ती उत्सुकता, जानें पूरी खबर

R.खबर ब्यूरो। राजस्थान, प्रदेश के लाखों घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को सोलर के माध्यम से 150 यूनिट तक फ्री बिजली की घोषणा के धरातल पर उतरने का इंतजार है। जानकारी के अनुसार ऊर्जा विभाग ने करीब डेढ़ माह पहले योजना को लेकर बुकलेट तो जारी कर दी, लेकिन अभी तक फील्ड में क्रियान्वयन के लिए गाइडलाइन जारी नहीं हो पाई है। हालांकि, ऊर्जा और फाइनेंस विभाग बुकलेट के बिन्दुओं के आधार पर स्कीम को फाइनल करने में लगे हैं। लेकिन इस इंतजार के बीच उपभोक्ताओं के मन में कई सवाल जरूर खडे़ हो रहे है। आखिर क्या है योजना का ड्राफ्ट और उपभोक्ताओं की उत्सुकता का कारण पेश है।

जानकारी के अनुसार बजट घोषणा की पालना में ऊर्जा विभाग ने केन्द्र सरकार की पीएम सूर्यघर योजना के साथ राज्य सरकार की फ्री बिजली योजना को जोड़ते हुए 150 यूनिट फ्री बिजली देने का फॉर्मूला 28 मार्च को जारी कर दिया। इसके तहत तीन केटेगिरी निर्धारित की गई, जिसमें अलग-अलग तरीके से उपभोक्ताओं को फ्री बिजली देने का जिक्र किया गया। साथ ही दावा किया गया कि ऊर्जा विभाग को सब्सिडी के रूप में दिया जा रहा वित्तीय भार भी कम होगा। आइए पहले आपको बताते है योजना को लेकर जारी बुकलेट का खाका

अभी तक ऊर्जा विभाग की ये है प्लानिंग:-                            

केटेगिरी – 1 पहली कैटेगिरी में 27 लाख उन उपभोक्ताओं को शामिल किया गया है, जो निशुल्क बिजली योजना में पहले से पंजीकृत है। जानकारी के अनुसार ऐसे उपभोक्ताओं के घर पर 1.1 किलोवाट क्षमता का सोलर प्लांट लगेगा। प्लांट लगाने के लिए कुल 50 हजार की राशि का आंकलन किया गया है, जिसमें से 17000 रुपए राज्य सरकार वहन करेगी। ऐसे उपभोक्ताओं के घर स्मार्ट मीटर लगेगा, जिसके लिए 75 रुपए प्रति माह देने होंगे। इस केटेगिरी में स्थाई शुल्क, विद्युत शुल्क, ईडी, यूसी, एफएसए चार्ज आएगा। 

केटेगिरी – दूसरी केटेगिरी में 150 यूनिट से कम उपभोग वाले उपभोक्ता होंगे। जिनके घर पर सोलर लगाने की व्यवस्था नहीं है। ऐसे 77 लाख उपभोक्ताओं के लिए यूटिलिटी लेड एग्रीगेशन(ULA) मॉडल पर क्लस्टर बनाकर सामूहिक सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। 33 केवी जीएसएस समेत अन्य अनुपयोगी जगह पर डे पावर के हिसाब से सोलर प्लांट लगेगा। 5500 उपभोक्ताओं पर दो MWh बैटरी बैकअप के साथ 1 मेगावाट का सोलर प्लांट लगेगा। यदि ऐसे उपभोक्ता खुद की छत देंगे तो उन्हें 17000 रुपए की स्टेट सब्सिडी का मिलेगा फायदा। जानकारी के अनुसार उपभोक्ता अगर 150 यूनिट से कम खर्च करेंगे,तो उन्हें प्रति यूनिट एक रुपए का फायदा देते हुए राशि को मीटर रेंट में एडजेस्ट किया जाएगा। 

केटेगिरी – पंजीयन नहीं होने के चलते निशुल्क बिजली योजना से वंचित उपभोक्ताओं को तीसरी केटेगिरी में रखा गया है, जिन्हें सिर्फ सोलर लगाने पर 15 पैसे प्रति यूनिट की राहत मिलेगी। हालांकि, इन उपभोक्ताओं को केन्द्र की स्वीकृत सब्सिडी जरूर मिलेगी। सोलर लगाने पर इन उपभोक्ताओं को इंडेक्शन कुकटॉप भी दिया जाएगा। 

योजना की बुकलेट जारी होने के बाद हजारों उपभोक्ताओं के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे है। सबसे बड़ा सवाल ये है कि स्टेट सब्सिडी की राशि का फायदा किस मोड के जरिए उपभोक्ता ले पाएंगे। खुद ऊर्जा विभाग इसके क्रियान्वयन को लेकर फाइनेंस की मुहर का इंतजार कर रहा है। इसके अलावा भी कई तरह के सवाल है, जिनके जवाब अभी तक उपभोक्ताओं को नहीं मिले है। आइए आपको बताते है कि उपभोक्ता किन सवालों पर चर्चा कर रहे है।

उपभोक्ताओं के जेहन में ये सवाल, जिसका चाहिए जवाब:-
सवाल  – 1 : योजना के तहत रजिस्ट्रर्ड उपभोक्ताओं की पहली केटेगिरी में सोलर किस मोड से लगाया जाएगा यानी राज्य कोटे की 17000 रुपए की राशि का लोन कौन लेगा ?

सवाल  – 2 : पीएम सूर्यघर की सब्सिडी प्लांट लगने के बाद उपभोक्ता के खाते में आती है, तो शुरूआत में ईपीसी को किसी मोड से भुगतान होगा ?

सवाल  – 3 : रजिस्टर्ड उपभोक्ताओं के लिए बजट में 100 यूनिट से बढ़ाकर 150 यूनिट तक फ्री बिजली की घोषणा की है, लेकिन नई स्कीम में स्थाई शुल्क, विद्युत शुल्क, ईडी, यूसी, एफएसए चार्ज का पैसा लगेगा। अभी तक ये चार्ज सरकार वहन करती थी, लेकिन आगे को लेकर स्थिति क्लियर नहीं है ?

सवाल  – 4 : जो रजिस्टर्ड उपभोक्ता सोलर लगा चुके है, उन्हें 15 पैसे प्रति यूनिट का फायदा मिलेगा या नहीं ? यदि जवाब नहीं है तो ऐसे क्लीन एनर्जी को बढ़वा देने वाले उपभोक्ता खुद को ठगा का महसूस करेंगे ?

सवाल  – 5 : 150 यूनिट से अधिक उपभोग वाले पंजीकृत उपभोक्ता से स्मार्ट मीटर के एवज में 75 रुपए प्रति माह का शुल्क लगाया गया है। जबकि ये शुल्क लगाने का अधिकार सिर्फ राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग को है। इसके साथ ही आरडीएसएस योजना में पहले से निशुल्क स्मार्ट मीटर लगाने का प्रावधान है तो फिर कैसे एक स्टेट में दो पॉलिसी लागू होगी ?

सवाल  – 6 : पंजीयन नहीं होने के चलते निशुल्क बिजली योजना से वंचित उपभोक्ताओं को सोलर लगाने पर 15 पैसे प्रति यूनिट की राहत दी गई है। ये मामला भी विनियामक आयोग के फैसले के अधीन रहेगा, जिसको लेकर डिस्कॉम कोई घोषणा कैसे कर सकता है ?