राजस्थान: 400 करोड़ की साइबर ठगी करने वाला सरगना मामा गिरफ्तार, मास्टरमाइंड भांजा फरार, जानें पूरी खबर
R.खबर ब्यूरो। राजस्थान के भरतपुर से बड़ी खबर सामने आई है, यंहा 400 करोड़ रुपये की साइबर ठगी में शामिल होने के आरोप में एक पति-पत्नी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। हैरानी की बात यह है कि दोनों आरोपी मजदूर हैं और उनके पास अपना खुद का मकान भी नहीं है। जब पुलिस ने उन्हें लोकेशन ट्रेस कर पकड़ा, तो वे एक कमरे के मकान में बिना पंखे के सो रहे थे। बता दें कि पूछताछ में यह भी पता चला कि दोनों अनपढ़ हैं और उन्हें अपना नाम लिखना भी नहीं आता है।
मिली जानकारी के अनुसार ठगी के इस बड़े मामले में आरोपियों ने 4 कंपनियों के अकाउंट बनाए थे, जिनमें सालभर में 400 करोड़ रुपये का ट्रांजैक्शन हुआ था। इस गैंग के खिलाफ 4000 से अधिक शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिसमें करीब 10 हजार लोगों से अलग-अलग राज्यों में ठगी की आशंका जताई गई है। यह एक बड़ा साइबर अपराध नेटवर्क लगता है, जिसने विभिन्न राज्यों में लोगों को अपना शिकार बनाया है।
मिली जानकारी के अनुसार आरोपियों ने ऑनलाइन बेटिंग ऐप के जरिए लोगों को ठगने का काम किया। बता दें कि वे लोगों को रुपये देकर गेम खेलने का लालच देते थे और जैसे ही उन्हें पीड़ितों की बैंक डिटेल्स मिलती, वे ठगी के रुपयों को उन अकाउंट्स में ट्रांसफर करना शुरू कर देते थे। इस तरह वे लोगों को अपना शिकार बनाते और उनके खातों से रुपये निकाल लेते थे।
पुलिस की जांच में पता चला है कि ठगी का मास्टरमाइंड भांजा है, जो एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। पुलिस ने पति-पत्नी और मामा को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन भांजा अभी फरार है। इस मामले की शुरुआत 6 मार्च 2025 को हुई थी, जब हरिसिंह नाम के व्यक्ति ने साइबर थाना धौलपुर में फिनो पेमेंट बैंक के खाते से साइबर फ्रॉड की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की और मामा, भांजा, पति-पत्नी की भूमिका सामने आई।
हरिसिंह ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्हें एक ईमेल आया था, जिस पर क्लिक करने के बाद उनके अकाउंट से करीब 14 लाख रुपये की ठगी हो गई। इस शिकायत के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और फिनो पेमेंट बैंक के खातों में हजारों साइबर ठगी के रुपये जमा होने की जानकारी सामने आई। आईजी भरतपुर राहुल प्रकाश ने बताया कि फिनो पेमेंट बैंक के खिलाफ हेल्पलाइन नंबर पर पहले से 3 हजार से ज्यादा शिकायतें दर्ज थीं, जो आरोपियों के पकड़े जाने तक 4 हजार तक पहुंच गई थीं।